गांधी-नेहरू के विचारों, बाबा साहेब के सम्मान के लिए आखिर दम तक लड़ेंगे: मल्लिकार्जुन खरगे
- Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने बाबा साहेब का अपमान किया है। पीएम ने उनका इस्तीफा लेना तो दूर उनका समर्थन किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बाबा साहेब अम्बेडकर के कथित अपमान को लेकर गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू की विचारधारा और बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के सम्मान के लिए अपने आखिरी दम तक विरोधियों से लड़ेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्यसभा में गृहमंत्री शाह द्वारा दिए गए भाषण के बारे में बात करते हुए कहा कि हमने संसद सत्र में संविधान के ऊपर चर्चा के दौरान डाक्टर बाबासाहेब आंबेडकर के बारे में गृह मंत्री का घोर अपमानजनक बयान सुना। हमने आपत्ति दर्ज की, विरोध जताया, प्रदर्शन किया। अब तो पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है। खरगे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार गलती मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने अमित शाह से इस्तीफा लेना तो दूर, उल्टा उनके आपत्तिजनक बयान का समर्थन किया।
खरगे ने कहा कि गृह मंत्री के बचाव में प्रधानमंत्री ने बयान जारी किया। राहुल गांधी पर झूठा मामला दर्ज करा दिया। ये है आज के हुक्मरान का संविधान और उसके निर्माता के प्रति नज़रिया। परन्तु हम किसी से डरनेवाले नहीं हैं, ना ही झुकने वाले हैं। हम नेहरू-गांधी की विचारधारा और बाबासाहेब के सम्मान के लिए आख़िरी दम तक लड़ेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के लोग हमारे ऊपर झूठा आरोप लगाते हैं कि हमने बाबासाहेब का सम्मान नहीं किया। सब को मालूम है कि संसद में बाबासाहेब की मूर्ति 1967 में कांग्रेस ने लगवायी। मुझ जैसे हज़ारों कार्यकर्ताओं की मांग को मानते हुए इंदिरा जी के कार्यकाल में राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन जी ने संसद में मुख्य स्थान पर पहली बड़ी मूर्ति बाबासाहेब की ही स्थापित कराई। इसलिए मैं कहता हूं कि भाजपा-आरएसएस वाले झूठ बोलना बंद कर दें।
कांग्रेस कार्य समिति में कांग्रेसी नेताओं को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि आज लोगों का चुनावी प्रक्रिया पर से विश्वास धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। क्योंकि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। खरगे ने कहा कि कुछ दिन पहले ही निर्वाचन संचालन के नियमों में बदलाव कर दिया गया ताकि अदालत ने जो जानकारी देने के लिए कहा था उनसे रोका जा सके। खरगे ने सवाल पूछा कि आखिर ऐसा क्या है जिसे छिपाया जा रहा है।