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महाराष्ट्र में एक मामूली आदमी ने किया 10 हजार करोड़ का खेल, 269 बैंकों से रकम ट्रांसफर

  • ठाणे के रहने वाले जितेंद्र पांडेय पर आरोप है कि उसने 269 बैंक खातों के जरिए इस पूंजी को ट्रांसफर किया। यही नहीं इस रकम के लिए उसने 98 डमी कंपनियां बनाईं, 12 प्राइवेट कंपनियां भी बनाईं। इन्हीं कंपनियों के नाम पर रकम जुटाई गई और फिर उसे विदेशों में ट्रांसफर कर दिया गया।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईFri, 10 Jan 2025 09:31 AM
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प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसके तहत एक ही आदमी ने 10 हजार करोड़ रुपये की रकम विदेश भेज दी। ठाणे के रहने वाले जितेंद्र पांडेय पर आरोप है कि उसने 269 बैंक खातों के जरिए इस पूंजी को ट्रांसफर किया। यही नहीं इस रकम के लिए उसने 98 डमी कंपनियां बनाईं, 12 प्राइवेट कंपनियां भी बनाईं। इन्हीं कंपनियों के नाम पर रकम जुटाई गई और फिर उसे विदेशों में ट्रांसफर कर दिया गया। आरोपी ने हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर और थाइलैंड में स्थित कंपनियों के खातों में यह मोटी रकम भेजी। माल भाड़े के नाम पर यह रकम ट्रांसफर कर दी गई। इन्हीं फर्जी कंपनियों के नाम पर 269 बैंक खाते भी खुलवाए गए और फिर फ्रॉड हुआ।

दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने 2 जनवरी को ही मुंबई, ठाणे और वाराणसी की 11 लोकेशंस पर रेड मारी थी। यह मामला विदेशों में अवैध तरीके से रकम ट्रांसफर का था। इसी की जांच के दौरान सामने आया कि कैसे जितेंद्र पांडेय नाम के शख्स ने 10 हजार करोड़ का बड़ा खेल कर दिया। रेड के दौरान एजेंसी ने एक करोड़ रुपये कैश और जूलरी बरामद किए। इसके अलावा कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनसे बड़े पैमाने पर अचल संपत्ति की जानकारी मिली है। दरअसल ठाणे पुलिस ने जितेंद्र पांडेय एवं अन्य कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर की थी। इसी के आधार पर ईडी ने जांच तेज की थी। ईडी का कहना है कि इन लोगों ने शेल कंपनियों का एक नेटवर्क बनाया था और उनके नाम पर ही बैंक खाते खुलवाए गए थे।

फिर इन बैंक खातों के जरिए 10 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम विदेशों में भेजी गई। ठाणे पुलिस की इकनॉमिक ऑफेंसेज विंग ने जितेंद्र पांडेय और कुछ अन्य लोगों को अरेस्ट किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक की जांच के आधार पर कहा है कि विदेशों में माल भेजने या मंगाने के नाम पर यह सब खेल हुआ है। अब तक यह जानकारी नहीं मिली है कि यह रकम किन लोगों की है, जो ट्रांसफऱ की गई। ईडी के अनुसार जितेंद्र पांडेय और उसके साथियों को कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट मदद कर रहे थे। फिलहाल इस मामले की जांच तेज है और कुछ चौंकाने वाले खुलासे आने वाले दिनों में और हो सकते हैं।

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