एकनाथ शिंदे सरकार का बड़ा दांव- 19 ओबीसी जातियों को सीधा फायदा और अब क्रीमी लेयर 15 लाख करने की पहल
- महाराष्ट्र कैबिनेट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से नॉन क्रीमी लेयर की 8 लाख वाली शर्त को बढ़ाकर 15 लाख प्रतिवर्ष करने की मांग करने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र कैबिनेट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से नॉन क्रीमी लेयर की 8 लाख वाली शर्त को बढ़ाकर 15 लाख प्रतिवर्ष करने की मांग करने का फैसला किया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जबकि अगले महीने ही राज्य में चुनाव है। दरअसल, पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए एक गैर क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। जिससे यह तय होता है कि किसी व्यक्ति की पारिवारिक आय निर्धारित सीमा से कम है। अभी यह लिमिट आठ लाख रुपए की है। महाराष्ट्र सरकार इसी को बढ़ाकर 15 लाख करवाना चाहती है। अहम बात यह है कि महाराष्ट्र की करीब 19 ओबीसी जातियों को केंद्रीय सूची में भी शामिल कर लिया गया है। इसके बाद अब इस प्रस्ताव से महाराष्ट्र सरकार पिछड़ों के बीच पैठ बनाना चाहती है।
मुख्यमंत्री शिंदे के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए एक मसौदा अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई। अध्यादेश को विधानमंडल के अगले सत्र में पेश किया जाएगा, इसमें कहा गया है कि आयोग के लिए 27 पदों को मंजूरी दी गई है।
इसके अलावा कैबिनेट के अन्य फैसलों में, कैबिनेट ने पत्रकारों और समाचार पत्र विक्रेताओं के लिए कल्याण निगम स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। हिंगोली जिले में बालासाहेब ठाकरे हल्दी अनुसंधान केंद्र के लिए 709.27 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि मंजूर की गई।
महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव होना तय माना जा रहा है। हाल ही में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी कहा कि हम विधानसभा का समय पूरा होने के पहले चुनावी प्रक्रिया को खत्म करने के बारे में तैयारियां कर रहे हैं। हम जल्दी ही इसके बारे में फैसला लेंगे। महाराष्ट्र में दो गठबंधनों के बीच में चुनाव होना है। सत्ता में बैठे गठबंधन महायुति में भाजपा और शिवसेना एकनाथ गुट और एनसीपी अजीत पवार गुट शामिल हैं। वहीं महा विकासअघाड़ी गठबंधन में शिवसेना उद्धव गुट, एनसीपी शरद पवार गुट और कांग्रेस शामिल है।