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MVA में 25 सीटों को लेकर अटका पेंच; अब खड़गे, शरद पवार और उद्धव ठाकरे लेंगे आखिरी फैसला

  • महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है और इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल भी तेज हो गई है। इस बीच अब महा विकास अघाड़ी में कुछ सीटों को लेकर मतभेद की स्थिति नजर आ रही है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईFri, 18 Oct 2024 09:45 AM
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीति के दोनों प्रमुख गठबंधन सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बनाने में जुटे हैं। फिलहाल सत्ता से दूर महा विकास अघाड़ी(MVA) की बात करे तो इस खेमें में ज्यादातर सीटों को लेकर मामला सुलझ गया है। खबरों की माने तो राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 263 पर सीटों का बंटवारा तय हो लिया है। हालांकि 25 सीटों पर मतभेद की स्थिति नजर आ रही है। इसे लेकर गुरुवार को MVA के सभी सहयोगी दलों की एक बैठक हुई जिसमें कांग्रेस, NCP(शरद पवार) और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में कांग्रेस महाराष्ट्र अध्यक्ष नाना पटोले, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) सांसद संजय राउत और एनसीपी (शरद पवार) नेता जितेंद्र आव्हाड, जयंत पाटिल और अनिल देशमुख समेत कई बड़े नेता शामिल हुए।

जिन 25 सीटों को लेकर सहमति नहीं बनी है उनमें मुंबई की 36 सीटों में से पांच सीटें शामिल हैं। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अंतिम रूप से तय और मतभेद वाले सीटों की लिस्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य दो गठबंधन दलों के प्रमुख उद्धव ठाकरे और शरद पवार को भेजी जाएगी। इसके बाद पार्टी प्रमुख दो से तीन दिनों में अंतिम फैसला लेंगे। गौरतलब है महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक ही चरण में चुनाव होंगे। वहीं 23 नवंबर को नतीजे जारी होंगे।

इससे पहले गुरुवार को हरियाणा में हार को लेकर शरद पवार ने कहा है कि हरियाणा में चुनाव का महाराष्ट्र के नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "हम हरियाणा के नतीजों का अध्ययन कर रहे हैं। साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों को भी देख रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि हरियाणा के नतीजों का राज्य के चुनावों पर कोई असर पड़ेगा।”

विधानसभा चुनाव 2019 की बात करे तो यह सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन और दूसरी तरफ कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला था। हालांकि असली खेल नतीजे घोषित होने के बाद शुरू हुआ। सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीट मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद के बाद भाजपा और शिवसेना ने एक-दूसरे का साथ छोड़ दिया। उद्धव ठाकरे ने NCP और कांग्रेस के साथ गठबंधन करके राज्य में मुख्यमंत्री पद संभाला। हालांकि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह की वजह से 2022 में सरकार गिर गई और शिंदे ने भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। अगले साल सत्तारूढ़ गठबंधन को तीसरा साथी मिल गया जब अजित पवार ने एनसीपी से अलग होने का फैसला किया। उन्होंने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

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