महाकुंभ हादसे में षड्यंत्र की बू आ रही, जांच रिपोर्ट आएगी तो कुछ लोग शर्मिंदा होंगे: रविशंकर प्रसाद
- बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। कई विपक्षी सांसद आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे।
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प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ का मुद्दा सोमवार को संसद में जोरदार तरीके से गूंजा। विपक्षी सांसदों ने इस पर चर्चा की मांग को लेकर खूब हंगामा किया। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने सदन में अपने बयाने के दौरान महाकुंभ भगदड़ की घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हादसे में षड्यंत्र की बू आ रही है और जब जांच की रिपोर्ट आएगी तो कुछ लोग शर्मिंदा हो जाएंगे। रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'महाकुंभ में हुई घटना की जांच चल रही है। जांच से साजिश की बू आ रही है। जब पूरी जांच हो जाएगी तो घटना के पीछे जो लोग थे, उन्हें शर्म से सिर झुकाना पड़ेगा।'
कांग्रेस, सपा और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर लोकसभा में सरकर से जवाब की मांग रखी। इस सरकार ने कहा कि विपक्षी दल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान किसी भी विषय को उठा सकते हैं। बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। कई विपक्षी सांसद आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे सदन चलने देने की अपील की और कहा, ‘अगर आपको देश की जनता ने नारेबाजी के लिए भेजा है तो यही काम करिये। यदि सदन चलाना चाहते हैं तो अपनी सीट पर जाकर बैठिए।’
'संवैधानिक पद का अपमान करना कांग्रेस के DNA में'
बता दें कि रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की हालिया टिप्पणी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान करना कांग्रेस की परंपरा और उनके राजनीतिक डीएनए में है। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी की ओर से लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि संविधान बचाने की बात करने वालों को पहले राष्ट्रपति पद का सम्मान करना सीखना चाहिए। राज्यसभा की सदस्य सोनिया गांधी ने गत 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि बेचारी अपने संबोधन के आखिर तक थक गईं थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)