'घर वापसी' और सनातन विस्तार हो; महाकुंभ में शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती की मांग, UCC को भी बताया जरूरी
- सुमेरु पीठाधीश्वर शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने देश के सांस्कृतिक और सामाजिक ढांचे पर एक बड़ी चर्चा छेड़ी। उन्होंने सनातन बोर्ड को सही बताया मगर उन्होंने 'घर वापसी' और सनातन विस्तार पर भी जोर दिया।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में पहुंचे सुमेरु पीठाधीश्वर शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने देश के सांस्कृतिक और सामाजिक ढांचे पर एक बड़ी चर्चा छेड़ी। उन्होंने सनातन बोर्ड को सही बताया मगर साथ ही उन्होंने देश को सशक्त बनाने के लिए 'घर वापसी' अभियान को बढ़ावा देने और सनातन धर्म के विस्तार पर जोर दिया।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में सनातन धर्म की अहमियत और उसकी रक्षा के मुद्दों पर शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने अपनी स्पष्ट राय रखी। उन्होंने कहा कि "सनातन बोर्ड बनाना एक अच्छा कदम हो सकता है, लेकिन इससे भी अधिक जरूरी है कि देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और जनसंख्या नियंत्रण को लागू किया जाए।"
उन्होंने सरकार के नियंत्रण में चल रहे मठों और मंदिरों की स्वतंत्रता की मांग करते हुए कहा कि उन्हें सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने 'घर वापसी' अभियान को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि देश तभी मजबूत होगा, जब वे लोग जो किसी कारणवश सनातन धर्म से अलग हो गए हैं, वापस लौटें।
शंकराचार्य ने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में सनातनी हिंदुओं की जनसंख्या घटती है, वहां अलगाववाद, विद्रोह और समाज में बंटवारे की प्रवृत्तियां बढ़ने लगती हैं। उन्होंने इस पर चिंता जताई और इसे समाज के लिए एक गंभीर चुनौती बताया।