लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू केस में पंजाब सरकार की बड़ी कार्रवाई, HC के आदेश के बाद DSP को किया बर्खास्त
- Lawrence Bishnoi interview case: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में पंजाब सरकार ने डीएसपी को बर्खास्त कर दिया है। सरकार का यह फैसला हाईकोर्ट के सख्त आदेशों के बाद सामने आया।
कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जेल से हुए इंटरव्यू के मामले में पंजाब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। गृह विभाग ने डीएसपी गुरशेर सिंह संधू को बर्खास्त कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद विभाग की तरफ से यह पहली बड़ी कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने मामले में उच्च अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए थे। गृह विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि राज्य सरकार इस बात से सहमत है कि गुरशेर सिंह संधू ने सीआईए खरड़ की हिरासत में लॉरेंस बिश्नोई के साक्षात्कार के दौरान अपने दुर्व्यवहार और कर्तव्य की लापरवाही के परिणामस्वरूप पंजाब पुलिस की छवि को गंभीर रूप से धूमिल किया है। ड्यूटी को सही तरीके से पूरा न करने की विफलता पंजाब पुलिस के अनुशासन और आचरण नियमों का एक गंभीर उल्लंघन है इसलिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत प्रदान शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपरोक्त कारणों से गुरशेर सिंह को डीएसपी के पद से बर्खास्त कर दिया गया है। इससे पहले उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी की गई थी। उनके द्वारा चार्जशीट भी स्वीकार नहीं की गई, जिसके चलते आगे की कार्रवाई के लिए उनके घर के बाहर चार्जशीट चस्पा दी थी।
इंटरव्यू के दौरान सीआईए खरड़ में डीएसपी (इन्वेस्टिगेशन) थे गुरशेर
हाईकोर्ट ने मामले में पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था। डीएसपी गुरशेर सिंह को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश करने का फैसला एसआईटी की सिफारिशों पर किया गया था, जिसकी अध्यक्षता विशेष डीजीपी (मानवाधिकार) प्रमोद कुमार ने की है। एसआईटी जांच में पता चला कि लारेंस का इंटरव्यू मार्च 2023 में प्रसारित हुआ था। यह वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुआ था, जब बिश्नोई 3-4 सितंबर 2022 को सीआईए खरड़ की हिरासत में था। उस समय गुरशेर डीएसपी (इन्वेस्टिगेशन) थे।
बीएसएफ की नौकरी छोड़ पंजाब पुलिस की थी ज्वाइन
साल 2016 बैच के पीपीएस अधिकारी गुरशेर सिंह संधू पहले बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट थे। बीएसएफ की नौकरी छोड़कर साल 2016 में पंजाब पुलिस के लिए चयनित हुए थे। साल 2017 में पीपीएस की ट्रेनिंग के बाद उन्हें पहली तैनाती मोहाली में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में मिली थी. इसके बाद वह कुछ समय के लिए मुल्लांपुर में एसएचओ रहे। प्रोबेशन पूरा होने के बाद पहली बार उन्हें फतेहगढ़ साहिब जिले में डीएसपी अमलोह की पोस्टिंग मिली थी। पंजाब पुलिस में डीएसपी संधू अपनी कार्यशैली की वजह से चर्चित थे। कई एनकाउंटर करने की वजह से उनकी पहचान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में बन गई थी। वह मूलरूप से जालंधर के रहने वाले हैं।