सेना ने लश्कर के गढ़ मरकज-ए-तैयबा को भी उड़ाया, 26/11 के आंतकियों ने ली थी ट्रेनिंग
पहलगाम आतंकी हमले का जवाब भारत ने पाकिस्तान से ले लिया है। भारतीय जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर में आधी रात पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर राफेल से एयर स्ट्राइक की। एयर स्ट्राइक में लश्कर के ट्रेनिंग कैंप को तबाह कर दिया गया।

भारत ने आधी रात को पाकिस्तान की सरहद में 100 किलोमीटर अंदर घुसकर ऑपरेशन सिंदूर अंजाम दिया। आतंकियों के खिलाफ स्ट्राइक में भारत के पराक्रमी जवानों ने आतंक के अड्डों को चकनाचूर कर दिया। राफेल विमानों से की गई एयर स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के 'जश-शुभानअल्लाह' ठिकाने और लश्कर के 'मरकज-ए-तैयबा' कैंप को निशाना बनाया गया। सूत्रों की मानें तो यहीं पर 26/11 के आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। अब ये ठिकाने सिर्फ नक्शों में बचे हैं।
भारत के पराक्रमी जवानों ने पाकिस्तान के चार और पीओके के पांच ठिकानों पर हवाई हमला किया। मुरीदके और सियालकोट में आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप भी तबाह किए गए हैं। भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के भीतर 100 किलोमीटर तक घुसकर लश्कर-ए-तैयबा के सबसे बड़े अड्डे मरकज-ए-तैयबा को निशाना बनाया। यह वही मुख्यालय है जहां 2008 के मुंबई हमलों (26/11) के आतंकियों को प्रशिक्षण दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों ने सोमवार देर रात लाहौर के पास मुरिदके में स्थित मरकज़-ए-तैयबा पर स्कैल्प मिसाइल से सटीक हमला किया। इस हमले में लश्कर की इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है।
क्यों अहम था यह टारगेट?
मरकज-ए-तैयबा न सिर्फ लश्कर का धार्मिक मुखौटा है, बल्कि यहीं से आतंकी हमलों की साजिशें रची जाती हैं। यहीं हाफिज सईद के भाषणों के जरिए भारत-विरोधी जहर घोला जाता था। 26/11 के आतंकी कसाब सहित सभी आतंकियों की ट्रेनिंग इसी परिसर में हुई थी।
RAW की सटीक जानकारी
भारतीय खुफिया एजेंसी RAW की महीनों से चली आ रही निगरानी और तकनीकी सर्विलांस की मदद से इस अड्डे की लोकेशन की पुष्टि की गई थी। इसके बाद ही ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार हुई। उधर, पाकिस्तान ने इस हमले के जवाब में बदला लेने की गीदड़भभकी जरूर दी है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया से सामने आ रहे वीडियो से साफ है कि विस्फोट हुए हैं। आतंकियों के कई ठिकाने खाक हो गए हैं। पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र को सील कर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सिर्फ आतंक के अड्डों को खत्म करना था, न कि आम नागरिकों या सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना।