Hindi Newsदेश न्यूज़LAC latest updates disengagement process India and China relation army

LAC से आने वाली है खुशखबरी, डिसइंगेजमेंट लगभग पूरा; जयशंकर ने शर्त भी रखी

  • विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से चीन का जिक्र करते हुए कहा कि अगला कदम तनाव कम करना है, जो तब तक नहीं होगा जब तक भारत को यकीन नहीं हो जाता कि दूसरी तरफ भी यही हो रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में, भारत ने घोषणा की कि उसने पूर्वी लद्दाख में LAC पर गश्त करने को लेकर चीन के साथ समझौता कर लिया है।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानMon, 28 Oct 2024 01:07 PM
share Share

पूर्वी लद्दाख से जल्द ही बड़ी खुशखबरी आ सकती है। खबर है कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इनमें दो बड़े बिंदू बने देपसांग और डेमचोक शामिल हैं। इस सप्ताह ही भारत ने बताया था कि चीन के साथ सीमा की स्थिति को लेकर सहमति बन गई है। साथ ही कहा जा रहा है कि अगले महीने से पेट्रोलिंग भी शुरू हो सकती है। हाल ही में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी।

मीडिया रिपोर्ट्स में रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि देपसांग और डेमचोक से सैनिकों का पीछे हटना अंतिम दौर में है। जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है। खबर है कि जब दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में सीम पर सेना के ढांचों के हटने की पुष्टि कर देंगे, तब डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी होने का ऐलान किया जाएगा।

पेट्रोलिंग भी होगी अक्टूबर से शुरू

रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों पक्ष LAC पर अक्टूबर में ही पेट्रोलिंग शुरू कर सकते हैं। इसके बाद गश्त को लेकर अप्रैल 2020 की स्थित दोबारा स्थापित की जाएगी। हथियारों से लैस जवान पेट्रोलिंग करेंगे। रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सैनिकों के पीछे हटना पहला कदम होगा और उम्मीद है कि भारत 2020 वाली पेट्रोलिंग की स्थिति पर लौट जाएगा।

विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से चीन का जिक्र करते हुए कहा कि अगला कदम तनाव कम करना है, जो तब तक नहीं होगा जब तक भारत को यकीन नहीं हो जाता कि दूसरी तरफ भी यही हो रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में, भारत ने घोषणा की कि उसने पूर्वी लद्दाख में LAC पर गश्त करने को लेकर चीन के साथ समझौता कर लिया है। मुंबई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि देपसांग और डेमचोक में गश्त करने और पीछे हटने पर आम सहमति बन गई है।

उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि इसे लागू करने में समय लगेगा। यह पीछे हटने और गश्त का मुद्दा है, जिसका मतलब है कि हमारी सेनाएं एक-दूसरे के बहुत करीब आ गई थीं और अब वे अपने ठिकानों पर वापस चली गई हैं। हमें उम्मीद है कि 2020 वाली स्थिति बहाल हो जाएगी।’

अगला लेखऐप पर पढ़ें