LAC पर सेना की गश्त शुरू, कैसा रहा चीन का रवैया? क्या बोले पैट्रोलिंग से लौटे जवान
- भारत-चीन सीमा पर हालात अब सामान्य होने लगे हैं। दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने के बाद सोमवार को भारतीय सेना ने पांच पैट्रोलिंग प्वॉइंट्स में से एक पर गश्त की।
भारत-चीन सीमा पर हालात अब सामान्य होने लगे हैं। दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने के बाद सोमवार को भारतीय सेना ने पांच पैट्रोलिंग प्वॉइंट्स में से एक पर गश्त की। यह गश्त पूर्वी लद्दाख स्थित डेपसैंग में की गई। इससे पहले पिछले हफ्ते डेमचौक में भी सेना ने गश्त की थी। भारतीय सेना के मुताबिक दोनों देश वेरिफिकेशन पैट्रोलिंग में हिस्सा ले चुके हैं। वेरिफिकेशन के बाद डेपसैंग में यह पहली इंडिपेंडेंट्र पैट्रोलिंग थी। इसके तहत चीन की सेना को सूचना देने के बाद 15 सैनिकों की एक टुकड़ी गश्त पर निकली थी। सेना के सूत्रों के मुताबिक सोमवार शाम को कुछ घंटों के बाद सैनिक अपने बेस पर वापस लौट आए थे। इन सैनिकों ने बताया कि गश्त के दौरान चीन ने किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचाई।
इस जगह पर टास्क पूरा होने के बाद अब जवानों को डेपसैंग की अन्य पैट्रोलिंग प्वॉइंट्स पर भी भेजा जाएगा। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक सेना के एक अधिकारी ने बताया कि चीजें अब अपनी गति से चलने लगी हैं। अप्रैल-मई 2020 में गलवान घाटी समेत कुछ जगहों पर तनाव के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर संबंध सामान्य नहीं रह गए थे। लेकिन 21 अक्टूबर को हुए समझौते के बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने को राजी हो गई हैं। इसके बाद अब गश्त भी शुरू हो गई है।
लेह स्थित 14 कोर ने एक्स पर लिखी पोस्ट में कहाकि एलएसी पर शांति और स्थिरता कायम करने की दिशा में यह एक बेहद अहम कदम है। डेपसैंग में पांच और डेमचौक में दो पैट्रोलिंग प्वॉइंट्स से चीनी सेना भले ही पीछे हट गई है। लेकिन इन जगहों पर गश्त भारतीय सेना के लिए बहुत आसान नहीं होने जा रही है। इसकी वजह है आने वाली ठंड। एक अधिकारी ने कहाकि हम कुछ जगहों पर तो पूरी ठंड गश्त करेंगे, लेकिन चुनौतीपूर्ण मौसम के चलते यह सभी जगहों पर संभव नहीं होगा। दूसरी तरफ चीन की तरफ से भी गश्त का दौर शुरू हो चुका है।
इससे पहले वेरिफिकेशन गश्त के लिए भारतीय सैनिक डेपसैंग में पीपी10, पीपी11, 11ए, 12 और 13 तक गए थे। पिछले पांच साल में ऐसा पहली बार हुआ है। यह सभी जगहें भारतीय सीमा के करीब 18 किलोमीटर अंदर हैं, लेकिन अप्रैल-मई 2020 के बाद से चीन ने यहां जाने में अड़ंगेबाजी कर रहा था। डेपसैंग-डेमचौक समझौते के बाद अब भारतीय सेना उन पैट्रोल बफर जोन्स में भी गश्त के अधिकार चाहती है, जो सितंबर 2022 में डिसएंगेजमेंट के बाद बने थे। यह बफर जोन्स, गलवान, पैंगांग के उत्तरी तट, कैलाश रेंज और गोगरा हॉट स्प्रिंग्स एरिया हैं। यह कुल इलाका तीन से 10 किमी तक का है।