कोलकाता रेप-मर्डर केस: कोर्ट का फैसला सुनते ही रो पड़े पीड़िता के पिता, जज से कह दी खास बात
- कोलकाता के आरजी कर रेप और मर्डर केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया गया है। जब जज ने मामले पर फैसला सुनाया तो पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्होंने (जज ने) उस विश्वास का सम्मान किया है जो उन्हें उनके ऊपर था।
कोलकाता की एक अदालत ने आरजी कर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपी संजय रॉय को शनिवार को दोषी करार दिया। मामले की सुनवाई कर रही सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (जज) अनिर्बान दास ने कहा कि वह इस मामले में सोमवार को सजा सुनाएंगे। कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद पीड़िता के पिता भावुक हो गए और रो पड़े। उन्होंने सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास के लिए खास बात कही। पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्होंने (जज ने) उस विश्वास का सम्मान किया है जो उन्हें उनके ऊपर था।
यह फैसला पिछले साल नवंबर में बंद कमरे में शुरू हुई सुनवाई के लगभग दो महीने बाद और नौ अगस्त 2024 को घटित इस जघन्य अपराध के 162 दिन बाद सुनाया गया। आरोपी संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया। बीएनएस 103(1) के तहत कम से कम आजीवन कारावास और अधिकतम फांसी की सजा के प्रावधान हैं।
फैसला सुनाये जाने के वक्त रॉय ने अदालत में दावा किया कि उसे फंसाया गया है, इस पर न्यायाधीश ने कहा कि उसे सोमवार को सजा सुनाये जाने से पहले अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। मृतका के माता-पिता ने आरोपी को दोषी करार दिए जाने के लिए न्यायाधीश को धन्यवाद दिया।
फैसले से पहले अदालत परिसर जुट गई थी भारी भीड़
मुख्य आरोपी संजय रॉय को शनिवार को दोषी करार दिये जाने से पहले फैसले की घड़ी जैसे-जैसे करीब आ रही थी, आशा और आशंका के बीच सियालदह न्यायालय की ओर पूरे देश की निगाहें टिक गई थी एवं अदालत परिसर और इर्द-गिर्द भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी थी। अदालत कक्ष 210 में न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार अपराह्न करीब ढाई बजे फैसला सुनाया। सजा सुनाये जाने से पहले वकीलों, कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और नागरिकों की भारी भीड़ न्यायालय परिसर में जुट गयी थी।
यह मामला नौ अगस्त को 28-वर्षीय स्नातोकोत्तर चिकित्सा प्रशिक्षु की बलात्कार एवं उसकी हत्या से जुड़ा है। उस दिन अस्पताल के संगोष्ठी कक्ष में उसका शव मिला था। कोलकाता पुलिस से संबद्ध स्वयंसेवक संजय रॉय को इस अपराध के सिलसिले में अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। जांचकर्ताओं का आरोप है कि उसने अकेले ही इस कुकृत्य को अंजाम दिया, जबकि चिकित्सक के परिवार एवं जूनियर डॉक्टर के संगठनों को व्यापक साजिश का संदेह है। इस अपराध के बाद देशभर में जनाक्रोश भड़क गया था और कार्यस्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन हुए थे। शनिवार की सुबह तक, आमतौर पर अस्त-व्यस्त रहने वाले अदालत परिसर में शांतिपूर्ण परंतु तनाव का माहौल नजर आया।
इस मामले पर अदालत परिसर में हर ओर चर्चा की जा रही थी और उनके शब्दों में आशा और संदेह का मिश्रण था। एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ''यह सिर्फ एक मामला नहीं है; यह हमारे देश में न्याय के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।'' एक स्थानीय व्यक्ति ने पूछा, ''क्या उसे अधिकतम सजा मिलेगी?'' केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रॉय के लिए कठोरतम सजा की मांग की है। हालांकि चिकित्सक के माता-पिता ने कहा, ''अकेले एक व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता। हम पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए व्यापक जांच की मांग करते हैं।''