मोदी सरकार काट रही है अल्पसंख्यक छात्रों की स्कॉलरशिप? खरगे-रिजिजू में ठनी
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि कांग्रेस सिर्फ झूठ की राजनीति पर उतर आई है। इससे पहले खरगे ने भाजपा सरकार पर पिछड़े वर्गों के छात्रों की छात्रवृति में कटौती करने का आरोप लगाया था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के बीच हाल ही में सोशल मीडिया पर तीखी बहस देखने को मिली है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रिजिजू ने बुधवार को खरगे के उन आरोपों का जवाब दिया है जिनमें उन्होंने केंद्र सरकार पर एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए दी जानी स्कॉलरशिप के फंड में कमी की बात कही थी। रिजिजू ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आरोपों का जवाब देते हुए कहा, "माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने अल्पसंख्यकों को पहले से कहीं अधिक सशक्त बनाया है। अधिक छात्रवृत्ति, अधिक अवसर, अधिक पारदर्शिता।"
केंद्रीय मंत्री ने कई आंकड़े पेश करते हुए खरगे के आरोपों को नकार दिया है। उन्होंने लिखा, सरकार ने कई उपायों के जरिए पारदर्शिता लाने की कोशिश की है। रिजिजू के मुताबिक पिछले दस सालों में अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृति में 3 गुना इजाफा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि आधार आधारित प्रमाणीकरण जैसे उपाय ने लीकेज रोकने में अहम भूमिका निभाई है।
खरगे ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस कर बड़ा आरोप लगाते हुए अल्पसंख्यक छात्रों के फंड्स में कटौती की बात कही थी। खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “नरेंद्र मोदी जी, देश के SC, ST, OBC और Minority वर्ग के युवाओं की छात्रवृत्तियों को आपकी सरकार ने हथियाने का काम किया है। ये शर्मनाक सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सभी वज़ीफों में मोदी सरकार ने लाभार्थियों की भारी कटौती तो की है, साथ ही औसतम साल-दर-साल 25% फंड भी कम ख़र्च किया है।” खरगे ने आगे लिखा, “जब तक देश के कमजोर वर्ग के छात्रों को अवसर नहीं मिलेगा, उनके हुनर को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा, तब तक हम अपने देश के युवाओं के लिए नौकरियां कैसे बढ़ा पाएंगे? आपका "सबका साथ, सबका विकास" का नारा, रोज़ाना कमज़ोर वर्गों के अरमानों का मज़ाक उड़ाता है !”
बजट में की गई है कटौती?
वहीं हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की थी कि इस महीने की शुरुआत में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025 में आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए बनाई गईं योजनाओं के बजट में बड़ी कटौती की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक एसटी छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप और छात्रवृत्ति में 99.99% की कटौती तो वहीं राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति योजना में 99.8% की कटौती की गई है। इसके अलावा अल्पसंख्यकों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में 72.4% की कटौती और अल्पसंख्यकों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति में 69.9% की कमी भी की गई है।