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खालिस्तानी अमृतपाल सिंह बनाएगा नई पार्टी, पंजाब में नई राजनीतिक हलचल की तैयारी; क्या है प्लान

  • अमृतपाल अब पंजाब में बड़े राजनीतिक मंसूबे पाल रहा है। इसी मकसद से वह राजनीतिक दल बनाने की तैयारी में है, जिसका ऐलान 14 जनवरी को किया जा सकता है। अमृतपाल सिंह अपनी नई पार्टी के गठन का ऐलान मुक्तसर साहिब में लगने वाले माघी के मेले में करेगा। इस मेले में बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग जुटते हैं

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, चंडीगढ़Thu, 2 Jan 2025 04:06 PM
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खालिस्तानी अमृतपाल सिंह अब पंजाब में बड़े राजनीतिक मंसूबे पाल रहा है। इसी मकसद से वह राजनीतिक दल ही बनाने की तैयारी में है, जिसका ऐलान उसकी ओर से 14 जनवरी को किया जा सकता है। अमृतपाल सिंह अपनी नई पार्टी के गठन का ऐलान मुक्तसर साहिब में लगने वाले माघी के मेले में करेगा। इस मेले में बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग जुटते हैं। लोहड़ी के मौके पर लगने वाला यह मेरा पंजाब में काफी महत्व रखता है। इसके अलावा अमृतपाल सिंह के पिता और उसके समर्थकों ने पंथ बचाओ, पंजाब बचाओ रैली का भी आयोजन किया है। इस रैली में ही पार्टी के गठन का ऐलान अमृतपाल सिंह के परिजनों और समर्थकों की ओर से किया जाएगा। बता दें कि अमृतपाल सिंह फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उसके खिलाफ रासुका लगाया गया था।

अमृतपाल सिंह को 2024 के आम चुनाव में खदूर साहिब लोकसभा सीट से जीत मिल गई थी। वह जेल में ही था, लेकिन उसके परिजनों ने प्रचार किया था और उसे बड़े अंतर से यहां जीत मिली थी। अमृतपाल सिंह की ओर से राजनीतिक दल का गठन करने की पुष्टि उसके पिता तरसेम सिंह के सहयोगी सुखविंदर सिंह अगवान ने की है। सुखविंदर सिंह अगवान भी कट्टरपंथी विचारधारा से ताल्लुक रखता है। वह पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या में शामिल रहे सतवंत सिंह का भतीजा है। अमृतपाल सिंह और उसके परिवार से सुखविंदर सिंह के काफी करीबी रिश्ते हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार तरसेम सिंह, उनके परिजन और अमृतपाल सिंह के समर्थकों की मौजूदगी में पार्टी के गठन का ऐलान किया जाएगा।

तरसेम सिंह ने अक्टूबर 2024 में ही पार्टी बनाने के इरादे जाहिर किए थे। उन्होंने कहा था कि हम पंजाब में यात्राएं करेंगे और लोगों के साथ बैठकर मीटिंग करेंगे। इसके बाद ही फैसला लिया जाएगा कि कैसे पार्टी का गठन करना है और किन लोगों को साथ लेना है। उनका कहना था कि हम ऐसे लोगों को प्राथमिकता देंगे, जो पंथ की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करने के लिए तत्पर हों।

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पंजाब की राजनीति को समझने वालों का कहना है कि अकाली दल के कमजोर पड़ने के बाद पंजाब में पंथिक राजनीति के लिए एक स्पेस बना है। ऐसे में अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक उसका फायदा उठाना चाहते हैं। बता दें कि अमृतपाल सिंह ने पंजाब को अलग करके खालिस्तान देश बनाने की वकालत की है और यह बात वह खुलकर मीडिया में भी करता रहा है। उसके चुनाव जीतने और अब राजनीतिक दल बनाने को पंजाब में कट्टरपंथी राजनीति के उभार के तौर पर देखा जा रहा है, जो केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी चिंता का सबब है।

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