पीड़िता के मोबाइल में मिले 40 लोगों के नाम, वीडियो भी बनाई; दलित एथलिट केस में नए खुलासे
- राजीव ने कहा कि लड़की 2-3 महीने पहले ही 18 साल की हुई है। मामला सामने आने के 3-4 दिनों के बाद उसने 62 लोगों को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने कहा, ‘यह पता चला कि फोन उसकी मां के पास था।’
केरल में नाबालिग लड़की के यौन शोषण मामले पर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के चेयरपर्सन एन राजीव ने अहम जानकारियां दी हैं। उन्होंने कहा कि पीड़िता के पिता के फोन में 40 संदिग्ध लोगों के नंबर मिले हैं जिसके बारे में पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'लड़की ने बताया कि 3-4 साल के दौरान 64 लोगों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। शुरुआती पूछताछ में उसने लोगों से चैट करने के लिए अपने पिता के फोन का इस्तेमाल करने की बात कही। फिलहाल हमने उसे निर्भया गृह भेज दिया है जहां मनोसामाजिक परामर्शदाता और मनोवैज्ञानिक मौजूद हैं। पीड़िता का पूरी तरह से ध्यान रखा जा रहा है।'
राजीव ने कहा कि लड़की 2-3 महीने पहले ही 18 साल की हुई है। मामला सामने आने के 3-4 दिनों के बाद उसने 62 लोगों को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने कहा, 'यह पता चला कि फोन उसकी मां के पास था। पीड़िता की मदद से मनोवैज्ञानिकों ने 40 लोगों के नाम और नंबर पता किए। एसपी तक रिपोर्ट सौंप दी गई। पुलिस ने बिना देरी किए 24 घंटे के अंदर 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। कुछ आरोपियों ने दुष्कर्म की घटना के वीडियो बनाए थे, जिसे देखकर दूसरे लोग भी उसके पास आए। आगे की पूछताछ में कुछ और नाम भी सामने आ सकते हैं। लड़की के पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं। वह एससी समुदाय से आते हैं।'
14 दिन की हिरासत में भेजे गए आरोपी
बता दें कि इस मामले में गिरफ्तार 14 लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि सभी 14 आरोपियों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में कई और लोग भी गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है। अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि पथनमथिट्टा जिले के दो थानों में 9 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। 18 वर्ष की हो चुकी पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि 13 वर्ष की आयु से 62 व्यक्तियों ने उसका यौन शोषण किया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें ऐसे साक्ष्य मिले हैं जो दर्शाते हैं कि लड़की का उसके खेल प्रशिक्षकों, साथी एथलीट और सहपाठियों ने शोषण किया था।