शॉल ओढ़कर 2 लोग आए, मजदूरों पर अंधाधुंध करने लगे फायरिंग; गांदरबल हमले के दौरान क्या हुआ
- घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने हमले को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां साझा की हैं। उन्होंने बताया कि धमाकों की आवाज सुनकर ऐसा लगा कि किसी शादी में पटाखे जलाए गए हों। हालांकि, कुछ मिनटों बाद ही साफ हो गया कि यह आतंकवादी हमला है।
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गुंड में रविवार को निर्माणाधीन सुरंग में आतंकवादी हमला हुआ। इसमें कश्मीर के एक डॉक्टर और 6 प्रवासी मजदूरों समेत सात लोगों की जान चली गई, जबकि 5 अन्य लोग घायल हैं। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने हमले को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां साझा की हैं। उन्होंने बताया कि धमाकों की आवाज सुनकर ऐसा लगा कि किसी शादी में पटाखे जलाए गए हों। हालांकि, कुछ मिनटों बाद ही साफ हो गया कि यह आतंकवादी हमला है। एकदम अफरातफरी का माहौल था और किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए।
इंडियन एक्सप्रेस से उस व्यक्ति ने बातचीत की जो उस कैंप के पास एक स्टोर चलाता है। उन्होंने बताया, 'शाम को अंधेरा हो चुका था, तभी अचानक हमने गोलियां चलने की आवाज सुनी। पहले तो हमें ऐसा लगा जैसे कि किसी ने पटाखा जलाया हो। दरअसल, वहां से 100 मीटर की दूरी पर शादी समारोह चल रहा था। ऐसा भी होता है कि सुरंग में काम करने वाले मजदूर पहाड़ तोड़ने के लिए धमाके करते हैं। इसी बीच, हमने देखा कि प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स कैंप की ओर जा रहे हैं। उन्होंने ही में बताया कि आतंकी हमला हुआ है। इसके बाद हमने अपनी दुकानें बंद कर दीं और घर की ओर भाग पड़े।'
‘रात का खाना खा रहे थे मजदूर, तभी…’
घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि श्रमिक जब रात का खाना खा रहे थे, उसी समय 2 आतंकवादियों ने शिविर में अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। पुलिस अधिकारी ने जीवित बचे लोगों के हवाले से कहा, 'वहां दो आदमी चादर ओढ़कर आए। वे शिविर में पहुंचे और अपनी शॉल उतार दी। इसके तुरंत बाद वे मजदूरों पर गोलियां चलाने लगे। उन्होंने मेस सहित तीन जगहों पर शिविर स्थल को निशाना बनाया।' जब आतंकी हमला हुआ, उस वक्त शिविर में बिजली कटी हुई थी। इसे लेकर कुछ लोगों का कहना है कि आतंकियों ने बिजली काट दी थी तो कई लोग यह भी कह रहे हैं कि श्रमिकों ने खुद बिजली बंद की थी।
बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी, क्या अपडेट
निर्माणाधीन सुरंग में आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। एनआईए के अधिकारियों ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं। सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के जवान कश्मीर में गैर-स्थानीय मजदूरों पर हुए सबसे घातक हमलों में शामिल आतंकवादियों और उनके सहयोगियों का पता लगाने में जुटे हैं। इसके लिए निर्माण स्थल के आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चला रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘अभी तक गिरफ्तारी के मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है। हमें कुछ सुराग मिलने की उम्मीद है, जिससे हम हमले में संलिप्त आतंकवादियों तक पहुंच सकेंगे।’