'नोटिस लिखने वाले ने जंग लगे चाकू का किया इस्तेमाल', पद से हटाने की मांग पर उपराष्ट्रपति धनखड़
- राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष का वह नोटिस खारिज कर दिया था, जिसमें पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन के संचालन का आरोप लगाते हुए सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग की गई थी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन्हें राज्यसभा के सभापति पद से हटाने की मांग वाले विपक्ष के नोटिस पर मंगलवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के पास कुछ जिम्मेदारियां होती हैं। उन्हें संवैधानिकता को लेकर प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए। वे हिसाब बराबर करने की स्थिति में नहीं होते हैं। धनखड़ ने अपने आधिकारिक आवास पर महिला पत्रकारों के साथ बातचीत में उनके खिलाफ भेजी गई नोटिस का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जिसने भी उसे पढ़ा होगा, वह कई दिनों तक सो नहीं पाएगा।
जगदीप धनखड़ ने कहा, 'उपराष्ट्रपति के खिलाफ जो नोटिस दी गई, आप उसे एक बार देखिए। उनकी ओर से 6 लिंक बताए गए जो चौंकाने वाले हैं। चंद्रशेखर जी कहते थे कि अगर बाईपास सर्जरी करनी हो तो इसके लिए रसोई के चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मेरे मामले में तो नोटिस लिखने वाले व्यक्ति ने जंग लगे चाकू का उपयोग किया है। इसे पढ़ने के बाद मैं दंग रह गया। मुझे हैरानी है कि आपमें से किसी ने भी इसे नहीं पढ़ा।'
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, 'भाजपा के पीयूष गोयल ने राहुल गांधी की ओर से अमेरिका की यात्रा के दौरान दिए भाषण पर आपत्ति जताई। उन्होंने इसके लिए लोकसभा सांसद से माफी मांगने की मांग रखी थी। कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। इस मामले में वीपी ने फैसला सुनाया कि कानून इस मुद्दे को उठाने से नहीं रोकता है। मैंने सोचा कि अगर कुछ भी गलत है तो मार्गदर्शन पाकर मुझे खुशी होगी, मगर विपक्ष इसे पचा नहीं पा रहा है।'
उपसभापति को विपक्ष ने भेजा था नोटिस
गौरतलब है कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष का वह नोटिस खारिज कर दिया था, जिसमें पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन के संचालन का आरोप लगाते हुए सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग की गई थी। उन्होंने यह कहते हुए विपक्ष का नोटिस खारिज कर दिया कि यह तथ्यों से परे है और इसका मकसद केवल प्रचार हासिल करना है। उपसभापति ने कहा कि धनखड़ के खिलाफ नोटिस अनुचित और त्रुटिपूर्ण है, जिसे उपराष्ट्रपति की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जल्दबाजी में तैयार किया गया है।
जगदीप धनखड़ को लेकर क्या शिकायत
विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों ने सभापति धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस 10 दिसंबर को राज्यसभा के महासचिव को सौंपा था। विपक्ष ने कहा था कि धनखड़ की ओर से पक्षपातपूर्ण तरीके से राज्यसभा की कार्रवाई संचालित करने के कारण यह कदम उठाना पड़ा है। नोटिस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों के 60 नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, द्रमुक नेता तिरुचि शिवा और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने इस नोटिस पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।