Hindi Newsदेश न्यूज़ISRO chief says First test flight of Gaganyaan mission rocket expected in December

अंतरिक्ष में भारत जल्द करेगा एक और कारनामा, इसरो ने गगनयान मिशन को लेकर दिया बड़ा अपडेट

  • एस सोमनाथ ने शुक्रवार को कहा कि गगनयान अभियान के लिए रॉकेट के 3 चरण श्रीहरिकोटा के शार रेंज में पहुंच चुके हैं। एजेंसी इस वर्ष के अंत तक अपनी पहली परीक्षण उड़ान का लक्ष्य बना रही है।

Niteesh Kumar एजेंसियांFri, 16 Aug 2024 06:46 PM
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने गगनयान मिशन को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि गगनयान अभियान के लिए रॉकेट के 3 चरण श्रीहरिकोटा के शार रेंज में पहुंच चुके हैं। एजेंसी इस वर्ष के अंत तक अपनी पहली परीक्षण उड़ान का लक्ष्य बना रही है। एसएसएलवी-डी3/ईओएस-08 मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद सोमनाथ ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहले मानव उड़ान मिशन गगनयान के लिए रॉकेट की पहली परीक्षण उड़ान दिसंबर में होने की उम्मीद है।

यान के तीन चरण एसडीएससी शार में पहुंच चुके हैं। क्रू मॉड्यूल को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तिरुवनंतपुरम में एकीकृत किया जा रहा है। गगनयान रॉकेट के लिए सभी सिस्टम (जिनका कोड नाम जी 1 रखा गया है) इस साल नवंबर में शार रेंज तक पहुंच जाएगा। इसरो इस साल दिसंबर में पहली परीक्षण उड़ान का लक्ष्य रख रही है। एक सवाल के जवाब में सोमनाथ ने कहा कि तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले के कुलसेकरपट्टिनम में दूसरे रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।

SSLV की तीसरी उड़ान सफलतापूर्वक पूरी

सोमनाथ ने कहा कि इसके 2 साल में चालू होने की उम्मीद है। इस सुविधा का प्राथमिक उपयोग एसएसएलवी रॉकेट प्रक्षेपण में किया जाएगा। इसरो श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी और जीएसएलवी मिशनों को प्रक्षेपित करना जारी रखेगा। आज के एसएसएलवी-डी3 मिशन की सफलता के बारे में उन्होंने कहा, 'SSLV की तीसरी विकासात्मक उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की गई है। रॉकेट ने उपग्रहों को योजना के अनुसार बहुत ही सटीक कक्षा में स्थापित किया है। अंतःक्षेपण की स्थिति में कोई विचलन नहीं है। सौर पैनल तैनात हैं।'

SSLV डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में प्रगति

अंतिम विकासात्मक उड़ान पूरा होने के साथ एसएसएलवी प्रौद्योगिकी अब उद्योग को हस्तांतरित की जाएगी। आज की उपलब्धि के साथ एसएसएलवी ने परिचालन चरण में प्रवेश किया है। यह अभियान SSLV डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को पूरा करता है। भारतीय उद्योग और एनएसआईएल की ओर से परिचालन मिशनों को सक्षम बनाता है। सोमनाथ ने कहा, 'हम एसएसएलवी के सिलसिलेवार प्रोडक्शन और प्रक्षेपण के लिए उद्योग को एसएसएलवी की प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने की प्रक्रिया में हैं। यह एक महान शुरुआत है।' इसरो प्रमुख ने कहा कि उद्योग या उद्योग समूहों के चयन की प्रक्रिया जारी है। चयनित पक्ष को एसएसएलवी को समझने और उसे पेश करने में लगभग 2 वर्ष लगेंगे।

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