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कैंसर के आगे दम तोड़ रहे भारतीय, इलाज के बाद भी हर 5 में से तीन की चली जाती है जान

  • भारत में कैंसर का प्रकोप पुरुषों से ज्यादा महिलाएं सह रही हैं। स्तन कैंसर भारत में सबसे ज्यादा फैलने वाला कैंसर बना हुआ है। जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के कैंसर के नए मामलों में 13.8 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानMon, 24 Feb 2025 05:36 PM
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कैंसर के आगे दम तोड़ रहे भारतीय, इलाज के बाद भी हर 5 में से तीन की चली जाती है जान

भारत में कैंसर से होने वाली मौतों के लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। वैश्विक कैंसर डेटा के विश्लेषण के बाद यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में हर पांच में से तीन लोग कैंसर के निदान के बाद दम तोड़ देत हैं। इसमें पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्ययन में पाया गया कि चीन और अमेरिका के बाद भारत कैंसर की घटनाओं के मामले में तीसरे स्थान पर है, और दुनिया भर में कैंसर से मौत के 10 प्रतिशत से अधिक मामले भारत में सामने आते हैं, जो चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।

द लांसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया के जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कैंसर की वजह से अमेरिका में मृत्यु दर का अनुपात लगभग चार में से एक पाया गया, जबकि चीन में यह दो में से एक था। शोधकर्ताओं के अनुमान के मुताबिक आने वाले दो दशकों में भारत को कैंसर से होने वाली मौतों को संभालने में कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि आज का युवा देश भारत धीरे-धीरे उम्र में आगे बढ़ेगा, जिसकी वजह से कैंसर के मामलों में भी दो प्रतिशत की वृद्धि होगी।

आईसीएमआर के शोधकर्ताओं की टीम ने ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी (ग्लोबोकॉन) 2022 और ग्लोबल हेल्थ ऑब्जर्वेटरी (जीएचओ) डेटाबेस का उपयोग करके पिछले 20 वर्ष में भारत में विभिन्न आयु समूहों और लैंगिक समूहों में 36 प्रकार के कैंसर की प्रवृत्तियों की जांच की। उन्होंने लिखा किभारत में कैंसर का निदान होने पर पांच में से लगभग तीन व्यक्तियों की मृत्यु होने की संभावना है। निष्कर्षों से यह भी पता चला कि पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करने वाले पांच सबसे आम कैंसर सामूहिक रूप से भारत में कैंसर के 44 प्रतिशत मामलों में कारक हैं।

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हालांकि भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओँ को कैंसर का अधिक प्रकोप झेलना पड़ा है क्योंकि स्तन कैंसर अभी भी एक प्रचलित कैंसर है,जो पुरुषों और स्त्रियों दोनों के कैंसर के नए मामलों में 13.8 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है, वहीं गर्भाशय ग्रीवा कैंसर तीसरा सबसे बड़ा (9.2 प्रतिशत) कारक है।

महिलाओं में, कैंसर के नए मामलों के लगभग 30 प्रतिशत स्तन कैंसर के हैं, इसके बाद गर्भाशय ग्रीवा कैंसर है के लगभग 19 प्रतिशत मामले हैं। पुरुषों में सबसे अधिक पहचान मुख कैंसर के मामलों की हुई, जिसके 16 प्रतिशत नए मामलों दर्ज किए गए।

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