हॉलीवुड फिल्म नहीं, भारतीय जवानों का असली ऐक्शन है; तीनों सेनाओं की ऐसी तैयारी नहीं देखी होगी
- भारतीय सेना ने इस अभ्यास का एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें दिखाए गए दृश्य किसी हॉलीवुड फिल्म के नहीं, बल्कि भारतीय सैनिकों की वास्तविक और अद्भुत कार्रवाई के हैं।
बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक ऐसी कई फिल्में देखी होंगी जिनमें सेना के जवान बने एक्टर्स को खतरनाक स्टंट करते हुए दिखाया गया होगा। लेकिन भारतीय सेना ने हाल ही में अपने युद्धाभ्यास का एक ऐसा वीडियो शेयर किया है जिसके सामने फिल्मों का ऐक्शन भी फेल है। अरुणाचल प्रदेश के अग्रिम क्षेत्रों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना का संयुक्त युद्धाभ्यास "पूर्वी प्रहार" 10 नवंबर से शुरू हो गया है। यह अभ्यास 18 नवंबर 2024 तक चलेगा, जिसमें तीनों सेनाओं की संयुक्त क्षमताओं को मजबूत करने का उद्देश्य है। इस युद्धाभ्यास का मुख्य लक्ष्य दुर्गम पर्वतीय इलाकों में संयुक्त संचालन के जरिए सेनाओं की समन्वय क्षमता और तैयारियों को उच्चतम स्तर पर ले जाना है।
भारतीय सेना ने इस अभ्यास का एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें दिखाए गए दृश्य किसी हॉलीवुड फिल्म के नहीं, बल्कि भारतीय सैनिकों की वास्तविक और अद्भुत कार्रवाई के हैं। तीनों सेनाओं की ऐसी समर्पित और समन्वयित तैयारी शायद ही आपने पहले देखी हो। "पूर्वी प्रहार" अभ्यास के दौरान अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम इलाकों में जो सैन्य शक्ति, संकल्प और साहस भारतीय जवानों ने प्रदर्शित किया है, वह देखने योग्य है।
"पूर्वी प्रहार" अभ्यास भारतीय सशस्त्र बलों की सामरिक, रणनीतिक और युद्ध-तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभ्यास में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के विशेष दस्ते, बख्तरबंद वाहन, एडवांस विमान, हेलिकॉप्टर, और आधुनिक हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसके अलावा, अभ्यास में लड़ाकू और टोही विमान, चिनूक और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (रुद्र) जैसे रणनीतिक हेलीकॉप्टर और एम777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर आर्टिलरी सिस्टम शामिल हैं। पूर्वी प्रहार नामक इस अभ्यास में स्वार्म ड्रोन, फर्स्ट पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन और लोइटर म्यूनिशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकी को शामिल किया गया है। ये तकनीकें आधुनिक युद्ध में क्रांति लाएंगी।
युद्धाभ्यास के दौरान सेनाओं के बीच समन्वय और संयुक्त अभियानों की चुनौतियों का सामना करने के लिए विशेष रणनीतियों पर कार्य किया जा रहा है। सेनाओं के उच्च अधिकारियों के अनुसार, यह अभ्यास भारत के पूर्वोत्तर सीमा क्षेत्र की सुरक्षा को और भी सुदृढ़ करेगा। इस संयुक्त अभ्यास के माध्यम से भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना आपसी सहयोग और संसाधनों का प्रभावी इस्तेमाल सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का यह जज्बा और तीनों सेनाओं का यह समन्वय किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।