Hindi Newsदेश न्यूज़India tests new version of Nag Mark 2 anti tank guided missile in Pokhran field range

Nag Mark 2 मिसाइल का नया वर्जन दुश्मनों के छुड़ाएगा छक्के; भारत ने किया सफल परीक्षण

  • भारत ने सोमवार को नाग मार्क 2 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के नए वर्जन का सफलतापूर्व परीक्षण किया है। फायर-एंड-फॉरगेट तकनीक के जरिए यह दुश्मनों पर सटीक निशाना साधने में सक्षम है। क्या है इसकी अन्य खासियतें?

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानTue, 14 Jan 2025 09:01 AM
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भारत डिफेंस सेक्टर में खुद की मजबूत बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस कड़ी में सोमवार को एक और सफलता हासिल हुई है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को स्वदेशी रूप से विकसित थर्ड जेनरेशन की फायर-एंड-फॉरगेट एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग मार्क 2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह परीक्षण राजस्थान के पोखरण फील्ड रेंज में किए गए। यह मिसाइल दुश्मनों पर सटीक निशाना में सक्षम है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक परीक्षण के दौरान मिसाइल ने मैक्सिमम और मिनिमम रेंज लिमिट पर सभी टारगेट को आसानी से भेद दिया।

रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में बताया, "भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में स्वदेशी रूप से विकसित थर्ड जेनरेशन एंटी टैंक फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड मिसाइल नाग एमके 2 का फील्ड मूल्यांकन परीक्षण हाल ही में पोखरण फील्ड रेंज में सफलतापूर्वक किया गया।" मंत्रालय ने बताया कि तीनों फील्ड परीक्षणों के दौरान मिसाइल सिस्टम ने सभी टारगेट को सटीकता से भेद दिया।

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डीआरडीओ द्वारा विकसित, नाग मार्क 2 मिसाइल को खास तौर पर आधुनिक बख्तरबंद खतरों को बेअसर करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी फायर-एंड-फॉरगेट तकनीक ऑपरेटर को लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक करने में सक्षम बनाती है इससे वह युद्ध के मैदान में सटीक हमले कर सकती हैं। नाग मार्क 2 की खासियतों की बात करे तो इसका संचालन बेहद आसान है। लॉन्च के बाद इसे ऑपरेटर के न्यूनतम हस्तक्षेप की जरूरत होती है। वहीं यह विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच (ईआरए) से लैस है और आधुनिक बख्तरबंद वाहनों को बेअसर करने में सक्षम है। इसे NAMICA के साथ आसानी से जोड़ा जा सकता है।

इस दौरान रक्षा मंत्री ने नाग मिसाइल कैरियर (NAMICA) के नए संस्करण का भी सफल फील्ड मूल्यांकन किया जो हथियार प्रणाली के संचालन में एक महत्वपूर्ण कदम है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए डीआरडीओ, सेना और अन्य सहयोगियों को बधाई दी है। वहीं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने इसमें शामिल टीम की सराहना की है।

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