भारत का आतंक के खिलाफ सख्त संदेश, UNSC में पाकिस्तान की साजिशों की खोलेगा पोल
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। पाक के खिलाफ आतंकवाद के सबूतों के साथ अब वैश्विक मंच पर सीधी कार्रवाई की तैयारी हो चुकी है।

भारत ने आतंक के खिलाफ अपने रुख को और भी सख्त कर दिया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए आतंकियों पर की गई सटीक सैन्य कार्रवाई के बाद अब भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए कमर कस चुका है। सूत्रों के मुताबिक, भारत जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 सैंक्शन कमेटी के सामने ताजा सबूतों के साथ पेश होगा, जिनसे पाकिस्तान की आतंकवाद में मिलीभगत साफ दिखाई देती है।
टीआरएफ पर लगेगा शिकंजा
भारत ने पाकिस्तान पर आतंकियों को बचाने का आरोप लगाया है, खासकर द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को लेकर, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा संगठन है। टीआरएफ ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की दो बार जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। इसके बावजूद, पाकिस्तान ने यूएनएससी के उस बयान में टीआरएफ का नाम जोड़ने का विरोध किया, जिसमें हमले की निंदा की गई थी। भारत इसे पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को राजनयिक सुरक्षा देने की साजिश मानता है। अब भारत यूएनएससी की 1267 सैंक्शन कमेटी से टीआरएफ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करने की मांग करेगा, ताकि उस पर यात्रा प्रतिबंध और आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकें।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंक के खिलाफ निर्णायक प्रहार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक और योजनाबद्ध हमले किए हैं। ये हमले विशेष रूप से उन आतंकियों को निशाना बनाकर किए गए जिन्होंने पहलगाम हमले को अंजाम दिया था। सेना सूत्रों ने बताया कि यह ऑपरेशन अब भी जारी है और यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ रणनीति में एक नया अध्याय बन चुका है। एक अधिकारी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, यह अब हमारा नया तरीका है। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि अब सब कुछ पहले जैसा नहीं होगा।”
अमेरिका की प्रतिक्रिया और भारत का रुख
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रयासों की तारीफ की और कहा कि अगर हालात नहीं संभाले जाते, तो लाखों निर्दोष लोगों की जान जा सकती थी। उन्होंने अपने ट्रूथ सोशल पोस्ट में लिखा, "भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व ने समझदारी और साहस दिखाया।" हालांकि, भारत ने एक बार फिर तीसरे पक्ष की किसी भी मध्यस्थता को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस मुद्दे पर कोई बाहरी दखल नहीं चलेगा।