क्या कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष को स्वीकार किया? भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर कांग्रेस का सवाल
India Pakistan ceasefire: भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर में ट्रंप की भूमिका को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया है। कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि क्या नई दिल्ली ने कश्मीर के मुद्दे पर तीसरे पक्ष को स्वीकर कर लिया है?

Jairam Ramesh: कांग्रेस पार्टी ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर की जानकारी के लिए सर्वदलीय बैठक और संसद विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। इसके लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। इसके अलावा कांग्रेस ने सीजफायर के बीच में ट्रंप की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि क्या भारत ने शिमला समझौते के बाद बनी नीति को त्याग दिया है?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सीजफायर के बाद सरकार से कई सवाल पूछे। इसमें सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या नई दिल्ली ने कश्मीर के मुद्दे पर अपनी नीति को बदल दिया है? क्या सरकार ने कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार कर लिया है? और क्या पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक चैनल खोले गए हैं?
सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने लिखा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और फिर भारत पाकिस्तान समझौते में अमेरिकी की भूमिका पर बातचीत के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपनी मांग को दोहराती है।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा तटस्थ जगह की बात करना कई सवाल खड़े करता है।"
कांग्रेस नेता ने पूछा, “क्या हमने शिमला समझौते को त्याग दिया है? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह पूछना चाहती है कि क्या भारत ने पाकिस्तान के साथ में फिर से राजनैतिक चैनल खोले हैं और अगर ऐसा है तो आखिर क्या शर्ते रखी गई हैं?”
कांग्रेस नेता की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारत और पाकिस्तान चार दिनों की तीखी हवाई लड़ाई के बाद सीजफायर करने को राजी हो गए हैं। दोनों पक्षों की तरफ से कहा गया कि तत्काल प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाई जाती है। हालांकि, भारत या पाकिस्तान के घोषणा करने के पहले ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा करके सभी को चौंका दिया। बात यहीं नहीं रुकी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सीजफायर की बात लिखते हुए कहा कि दोनों देश किसी ‘तटस्थ’ जगह पर बातचीत करने के लिए राजी हो गए हैं, इस पर भी भारत में राजनीति शुरू हो गई है। क्योंकि शिमला समझौते के बाद भारत हमेशा से ही कश्मीर पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है और किसी भी सरकार में भारत की यही नीति रही है।
हालांकि, भारत की तरफ से बताया गया कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत के जरिए यह सीजफायर किया गया है। इसके अलावा किसी भी अन्य जगह पर जाकर बैठक करने का कोई फैसला नहीं हुआ है।