हवाई हमलों से पस्त हो गया था पाक, भारत ने बताया सीजफायर के लिए क्या रहा टर्निंग पॉइंट
भारत ने बताया है कि पाकिस्तान की तरफ से की गई अपील के बाद ही दोनों देशों के DGMO के बीच फोन पर बातचीत हुई जिसके बाद संघर्षविराम समझौते पर सहमति बन सकी।

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद शनिवार को दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई। अब भारत ने बताया है कि सीजफायर समझौते के लिए भारत द्वारा किए गए हवाई हमले टर्निंग पॉइंट साबित हुए। बता दें कि पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के अलावा 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया। भारत की इस कार्रवाई से बौखला कर पाकिस्तान ने सीमा से सटे भारत के कई क्षेत्रों में गोलीबारी के अलावा मिसाइल और ड्रोन हमले की कोशिश भी की। हालांकि भारत ने इन सभी हमलों को नाकाम करते हुए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
भारतीय सूत्रों ने बताया कि 9 मई को भारत द्वारा किए गए हवाई हमले से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष असीम मुनीर से बात करने के बाद विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को फोन किया और बताया कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। वहीं भारत ने साफ कर दिया कि बातचीत DGMO के बीच ही होनी चाहिए और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है।
सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि इसके बाद पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय समकक्ष से 10 मई को दोपहर 1 बजे मिलने का समय मांगा। गौरतलब है कि भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के DGMO को बताया था कि उसने पाकिस्तान में आतंकी ढांचे पर हमला किया है, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने बातचीत का समय तब मांगा जब भारत ने हवाई हमलों से पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम सहित कई ठिकानों को निशाना बनाया जिससे पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा।
विक्रम मिस्त्री ने की थी पुष्टि
इससे पहले भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने शनिवार शाम को सीजफायर पर समझौते की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक ने आज दोपहर 15:35 बजे भारतीय DGMO को फोन किया। उनके बीच सहमति बनी कि दोनों पक्ष भारतीय समयानुसार शाम 5:00 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में किसी भी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को बंद कर देंगे। दोनों पक्षों को इस सहमति को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।”