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दुश्मनों को हवा में 30 किमी तक खदेड़ने को तैयार SAMAR 2, जल्द परीक्षण करेगी भारतीय वायु सेना

  • भारत जल्द ही SAMAR 2 एयर डिफेंस सिस्टम का परीक्षण करने की तैयारी में हैं। यह सुनिश्चित जवाबी कार्रवाई के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। स्थानीय रूप से निर्मित इस सिस्टम की रेंज लगभग 30 किलोमीटर है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानTue, 13 Aug 2024 09:26 AM
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भारत जल्द ही SAMAR 2 एयर डिफेंस सिस्टम का परीक्षण करने की तैयारी में हैं। यह सुनिश्चित जवाबी कार्रवाई के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। स्थानीय रूप से निर्मित इस सिस्टम की रेंज लगभग 30 किलोमीटर है। इस योजना से जुड़े भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी है। अधिकारियों में से एक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, "पहली फायरिंग ट्रायल दिसंबर तक किया जाएगा।"

वायु सेना ने दो कंपनियों के साथ मिलकर यह वायु रक्षा प्रणाली विकसित की है। इस सिस्टम का पहला संस्करण, समर 1, पहले ही भारतीय वायुसेना में शामिल किया जा चुका है और इसकी रेंज 8 किलोमीटर है। इन प्रणालियों में रूस की टेक्नोलॉजी के तहत हवा से हवा में टक्कर देने वाली मिसाइलों का उपयोग किया जाता है। समर 1 आर-73ई से लैस है वहीं इसके नए संस्करण में आर-27 मिसाइल है।

सुलूर एयरबेस में चल रहा है तरंग शक्ति 2024 अभ्यास

भारतीय वायुसेना ने सुलूर एयरबेस में चल रहे तरंग शक्ति 2024 अभ्यास के दौरान आयोजित इंटरनेशनल डिफेंस एविएशन एक्सपोजिशन में समर 1 वायु रक्षा प्रणाली का प्रदर्शन किया गया। यह भारत द्वारा आयोजित सबसे बड़ा बहुपक्षीय हवाई युद्ध अभ्यास है। इस अभ्यास में दस विदेशी वायु सेनाएं भाग ले रही हैं जबकि 18 देश आब्जर्वर के तौर में भाग ले रहे हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया, "यहां चुनौती यह है कि हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, जो पुरानी हो चुकी हैं और इसलिए हवाई प्रक्षेपण के लिए असुरक्षित हैं, उनका इस्तेमाल सतह से हवा में किया जा रहा है।" अधिकारियों ने कहा कि समर प्रणाली लड़ाकू जेट, हेलीकॉप्टर और मानव रहित हवाई वाहनों सहित हवाई खतरों से आसानी से टक्कर ले सकती है।

भारत के एयर डिफेंस सिस्टम में फिलहाल क्या-क्या?

भारत डीआरडीओ के प्रोजेक्ट कुशा के तहत एक स्वदेशी लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भी विकसित कर रहा है। इसकी अधिकतम सीमा 350 किमी होगी और इसे लगभग चार से पांच सालों में तैनात किए जाने की उम्मीद है। डीआरडीओ ने स्वदेशी बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस) भी विकसित की है। यह एक मानव-पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली है जो कम ऊंचाई पर हवाई खतरों को कम दूरी पर संभाल सकती है। इसके अलावा भारत के पास इजरायल के साथ संयुक्त रूप से विकसित एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) भी है। वहीं एयर डिफेंस हथियारों में इजरायली स्पाइडर, पिकोरा, ओएसए-एके, तुंगुस्का, स्ट्रेला और शिल्का जैसी रूस की प्रणालियां, ज़ू-23-2बी एंटी-एयरक्राफ्ट गन, एल-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन (स्वीडिश हथियार फर्म बोफोर्स एबी द्वारा निर्मित हथियार) और इग्ला मैनपैड्स (मानव-पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली) शामिल हैं।

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