समंदर में भी अलग-थलग पड़ेगा पाक, पड़ोसी मुस्लिम देश कर रहा भारत संग अभ्यास; नौसेना तैयार
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है। इस बीच पाकिस्तान ने सोमवार को UNSC में एक बैठक बुलाई है। वहीं भारत ने भी पाक और चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के लगभग सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से बात की है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सीमा पार आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दे दी है। भारत के ताबड़तोड़ एक्शन के बाद अब पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। जहां पाकिस्तान अमेरिका, चीन सहित कई देशों के आगे गुहार लगाता हुआ नजर आ रहा है, वहीं भारत ने किसी भी स्थिति के मद्देनजर आसमान से लेकर समंदर तक कमर कस ली है। इन सब के बीच भारत जल्द ही पड़ोसी मुस्लिम देश मालदीव संग समुद्र में एक अभ्यास करने जा रहा है। तनाव के बीच मालदीव संग भारत का यह अभ्यास पाकिस्तान की नींद उड़ा सकता है।
भारतीय नौसेना ने सोमवार को बताया है कि क्षेत्रीय सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के तहत भारत और मालदीव ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंट एंड डिजास्टर रिलीफ (HADR) अभ्यास करने जा रहे हैं। यह एक्सरसाइज 4 से 10 मई के बीच होगा। नौसेना ने बताया है कि इस अभ्यास में भाग लेने के लिए INS शारदा मालदीव के माफ़ीलाफ़ुशी एटोल पहुंच गया है। भारतीय नौसेना ने यह भी कहा है कि भारत और मालदीव के बीच यह अभ्यास मजबूत रक्षा और समुद्री सहयोग का प्रमाण है।
भारतीय नौसेना के मुताबिक HADR अभ्यास का उद्देश्य भारतीय नौसेना और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के बीच सामंजस्य को बढ़ाना है। अभ्यास के दौरान आपदा की स्थिति में प्रतिक्रिया, खोज और बचाव अभियान, मेडिकल असिस्टेंस, लॉजिस्टस असिस्टेंस, ज्वाइंट ड्रिल, और किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा के बाद सामुदायिक मदद जैसी चीजों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। वहीं भारत और मालदीव की साझेदारी को मजबूत करना भी अभ्यास का एक उद्देश्य है।
बता दें कि यह अभ्यास भारत के "महासागर" (म्युचुअल एंड हॉलिस्टिक एडवांसमेंट का सिक्योरिटी एंड ग्रोथ एक्रॉस रीजन) पहल का हिस्सा है। महासागर पहल के तहत भारत हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सहयोगियों के साथ काम कर रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच मालदीव संग भारत के इस अभ्यास का महत्व और बढ़ जाता है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक मालदीव में भारत की रणनीतिक भूमिका का महत्व अच्छी तरह से पहचाना जाता है। मालदीव भारत को इस क्षेत्र में नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर की तरह ही देखता है। वहीं मालदीव भारत की "नेबरहुड फर्स्ट" यानी पड़ोसी पहले की विदेश नीति के तहत एक महत्वपूर्ण जगह रखता है।