बजट में भारत ने बांग्लादेश को दिए 120 करोड़ रुपये, नहीं बढ़ाई राशि; कैसे दिया झटका
- साल 2023-24 में बांग्लादेश को भारत की ओर से 157 करोड़ की मदद की गई थी, जबकि 2024-25 में यह मदद कम करके 120 करोड़ कर दी गई। वहीं, इस साल 2025-26 में राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया।
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Budget for Bangladesh: केंद्रीय बजट 2025-26 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया। इसमें भारत के पड़ोसी देशों के लिए भी बजट आवंटित किया गया है। पिछले कुछ समय से बांग्लादेश से चल रहे विवाद के बीच नई दिल्ली से ढाका के लिए 120 करोड़ का बजट दिया है। हालांकि, रकम में एक पैसे की भी बढ़ोतरी न करके भारत ने मोहम्मद यूनुस सरकार को सख्त संदेश दे दिया है। उल्लेखनीय है कि भारत और बांग्लादेश के बीच पिछले साल से ही तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं के खिलाफ जमकर हिंसा हुई, जिसमें कई की मौत हो गई। इससे भारत और बांग्लादेश के बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
बजट में पड़ोसी फर्स्ट की नीति के तहत भारत हर साल अपने पड़ोसी देशों की मदद के लिए बजट देता है। मालदीव, भूटान, श्रीलंका समेत तमाम देशों को एक निश्चित धनरााशि दी जाती है, जिससे वहां के देश विकास समेत तमाम तरह के काम कर पाते हैं। इस बार मालदीव से भारत के रिश्ते अच्छे हुए हैं तो उसकी आर्थिक मदद के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए हैं। बांग्लादेश के तनाव के बीच राशि को नहीं बढ़ाया गया है, जोकि ढाका के लिए किसी झटके से कम नहीं है।
साल 2023-24 में बांग्लादेश को भारत की ओर से 157 करोड़ की मदद की गई थी, जबकि 2024-25 में यह मदद कम करके 120 करोड़ कर दी गई। वहीं, इस साल 2025-26 में राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया और इसे 120 करोड़ ही रखा गया। वहीं श्रीलंका की राशि में भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। श्रीलंका को जहां 2023-24 में 119 करोड़ आवंटित किए गए थे तो 2024-25 में यह राशि बढ़ाकर 300 करोड़ कर दी गई थी, अब फिर से यह अमाउंट 300 करोड़ ही रखा गया है।
बांग्लादेश को नई दिल्ली से क्या मैसेज?
बांग्लादेश सरकार का नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं। उनके सत्ता में आने के बाद से दुनिया को उम्मीद थी कि वे बांग्लादेश को अच्छी तरह से नेतृत्व करेंगे, लेकिन उनके कार्यकाल में बांग्लादेश की हालत काफी खराब हो गई। हिंदुओं के खिलाफ जमकर हिंसा होने लगी। कई मंदिरों में तोड़-फोड़ की गई और हिंदुओं को नौकरियों से जबरन हटाया जाने लगा। इसपर भारत ने खुलकर नाराजगी भी जताई, लेकिन बहुत ज्यादा सुधार नहीं हो सका। यहां तक कि बांग्लादेश पाकिस्तान के करीब आने की कोशिश में जुट गया। इन सबको देखते हुए भारत ने बांग्लादेश को मदद की जाने वाली राशि को 120 करोड़ ही रखकर और उसमें कोई भी बढ़ोतरी नहीं करके सख्त संदेश दिया है। भारत ने साफ कर दिया कि यह नहीं चलेगा कि किसी देश में हिंदुओं को निशाना बनाया जाए और पाकिस्तान जैसे भारत के 'दुश्मन' देश को मित्र बनाने की कोशिश हो और भारत बिना इसे देखता रहे व इसके बाद भी आर्थिक मदद की राशि बढ़ाता रहे। भारत पड़ोसी फर्स्ट नीति पर विश्वास करता है और सभी पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते रखने क कोशिश करता है, लेकिन यदि कोई देश भारत के खिलाफ चाल चलता है तो भारत को उसे मुंहतोड़ जवाब भी देना आता है। उसे सिर्फ कूटनीतिक मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी भारत की ओर से झटका झेलना पड़ेगा।