LAC पर समाधान की बात पर चीन ने लगाई मुहर, भारतीय सेना प्रमुख ने कहा- भरोसा करने में लगेगा समय
- भारत और चीन के बीच 2020 से जारी सीमा विवाद पर सोमवार को समाधान की खबर सामने आई थी। अब चीन ने इस खबर पर मुहर लगाई है। वहीं भारतीय सेना प्रमुख ने कहा है कि चीन पर भरोसा करने में समय लगेगा।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच 2020 से जारी गतिरोध खत्म करने को लेकर सोमवार को दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है। भारत के ऐलान के बाद मंगलवार को चीन ने इस खबर पर मुहर लगाई है। चीन ने पुष्टि की है कि वह पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए भारत के साथ एक समझौते पर पहुंच गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हाल के दिनों में चीन और भारत, सीमा से संबंधित मुद्दों पर कूटनीतिक माध्यम से संपर्क में हैं।" उन्होंने कहा, "अब दोनों पक्ष प्रासंगिक मामलों पर एक समाधान पर पहुंच गए हैं जिसकी चीन प्रशंसा करता है।"
सेना प्रमुख ने क्या कहा
वहीं सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को सीमा पर पेट्रोलिंग समझौते के बाद कहा है कि चीन पर भरोसा करने में अभी समय लगेगा। एक कार्यक्रम में बोलते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विश्वास बहाल करना एक लंबी प्रक्रिया होगी जिससे अप्रैल 2020 की स्थिति पर पहुंचा जा सकेगा। सेना प्रमुख ने आगे बताया कि यह प्रक्रिया चरणों में होगी जिसमें प्रत्येक चरण का उद्देश्य तनाव कम करना होगा। LAC पर बनाए गए बफर जोन का जिक्र करते हुए जनरल द्विवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि आपसी समझ के जरिए दोनों देशों के बीच विश्वास फिर से बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम विश्वास बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह कैसे बहाल होगा? यह तब बहाल होगा जब हम एक-दूसरे को मना पाएंगे और हमें एक-दूसरे को आश्वस्त करने की जरूरत है कि हम बनाए गए बफर जोन में घुसपैठ नहीं कर रहे हैं।"
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे दोनों देश
इससे पहले विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को घोषणा की थी कि भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग व्यवस्था के संबंध में एक समझौता हुआ है। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस के कज़ान की यात्रा से पहले की गई है। पीएम मोदी 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक होने वाले 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए जा रहे हैं जिसका हिस्सा चीन भी है।
व्यापक चर्चा का परिणाम- विदेश सचिव
गौरतलब है कि जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में दरार आई थी। सोमवार को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "यह समझौता पिछले कई हफ़्तों में राजनयिक और सैन्य दोनों स्तरों पर चीन के साथ व्यापक चर्चा का परिणाम है।" मिसरी ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और भारतीय सेना के बीच झड़पों को, खास कर जून 2020 में हुई हिंसक मुठभेड़ों को याद किया जिसमें दोनों पक्षों को नुकसान पहुंचा था। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत और चीन के बीच संबंधों को स्थिर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि दोनों देश सीमा विवादों को खत्म करना चाहते हैं।