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Hindi Newsदेश न्यूज़In the 96 year history only one woman become the president of IMA biggest association of doctors

96 साल के इतिहास में केवल एक महिला बनी IMA की अध्यक्ष, डॉक्टरों के सबसे बड़े संघ को जान लीजिए

  • एक टीम ने बताया कि 1928 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की स्थापना के बाद से इसके अब तक 92 अध्यक्ष रहे हैं, जिनमें से केवल एक महिला थी।

Amit Kumar पीटीआई, नई दिल्लीSat, 17 Aug 2024 11:20 AM
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भारत के सबसे बड़े और सबसे पुराने पेशेवर चिकित्सा संघ, आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का इतिहास 96 साल पुराना है। हालांकि इसमें अभी तक केवल एक बार ही महिला अध्यक्ष चुनी गई। IMA के अंतर्गत 46 संघों में से केवल नौ का नेतृत्व वर्तमान में महिलाओं द्वारा किया जा रहा है, जो इसके नेतृत्व में “ना के बराबर” प्रतिनिधित्व का संकेत देता है। एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई।

इसके अलावा, नई दिल्ली स्थित जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के शोधकर्ताओं सहित अध्ययनकर्ताओं की एक टीम ने बताया कि 1928 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की स्थापना के बाद से इसके अब तक 92 अध्यक्ष रहे हैं, जिनमें से केवल एक महिला थी। उन्होंने भारतीय जन स्वास्थ्य संघ (आईपीएचए) और सभी व्यापक चिकित्सा एवं शल्य चिकित्सा विशेषज्ञताओं सहित पेशेवर चिकित्सा संघों के वर्तमान और पिछले नेतृत्व पर नजर डाली।

‘पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में लेखकों ने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य जैसे प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग और नवजात विज्ञान से करीब से जुड़े चिकित्सा संगठनों में भी असमान लैंगिक प्रतिनिधित्व बना हुआ है, जो पुरुष वर्चस्व को उजागर करता है। अध्ययन के लेखकों ने कहा, “उदाहरण के लिए, नेशनल नियोनेटोलॉजी फोरम की नेतृत्व समिति में केवल एक महिला है और फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया के 73 साल के इतिहास में, पिछले अध्यक्षों में से केवल 15 प्रतिशत महिलाएं थीं।”

आईएमए आधुनिक चिकित्सा पद्धति से काम करने वाले 3.5 लाख डॉक्टरों का एक स्वैच्छिक संगठन है। आधुनिक चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ, यह डॉक्टरों के हितों का प्रतिनिधित्व करने और व्यापक समुदाय की भलाई सुनिश्चित करने में शामिल है। आईएमए की उप-शाखाओं, जो 28 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में स्थानीय समूहों या शाखाओं का हिस्सा हैं, पर विचार करते हुए लेखकों ने पाया, “आईएमए की 32 उप-शाखाओं के अध्यक्ष और सचिव के रूप में वर्तमान में कार्यरत 64 व्यक्तियों में से केवल तीन (4.6 प्रतिशत) महिलाएं हैं”।

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