Mahakumbh: 4 साल तक गर्लफ्रेंड के साथ रिलेशनशिप में रहे IIT बाबा अभय सिंह, क्यों हुआ ब्रेकअप
- IIT Baba Abhay Singh girlfriend: आईआईटी बाबा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह किसी भी मुद्दे पर बात करने से हिचकते नहीं हैं। एक टीवी इंटरव्यू के दौरान जब उनसे उनकी गर्लफ्रेंड के बार में पूछा गया तो उन्हें बेझिझक इसके बारे में बताया।
IIT Baba Abhay Singh Mahakumbh: प्रयागराज महाकुंभ में इन दिनों आईआईटी बाबा अभय सिंह की खूब चर्चा हो रही है। वह इन दिनों लगातार मीडिया से बात कर रहे हैं। अपनी जिंदगी के बारे में लोगों को बता रहे हैं। अभय सिंह आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के पूर्व छात्र हैं। हरियाणा से आने वाले इस बाबा ने अपने अनोखे दृष्टिकोण से महाकुंभ में श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है। वे आरेखों और विजुअल प्रेजेंटेशन का उपयोग करके जटिल आध्यात्मिक अवधारणाओं को सरल बनाते हैं।
आईआईटी बाबा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह किसी भी मुद्दे पर बात करने से हिचकते नहीं हैं। एक टीवी इंटरव्यू के दौरान जब उनसे उनकी गर्लफ्रेंड के बार में पूछा गया तो उन्हें बेझिझक इसके बारे में बताया। आईआईटी बाबा बताते हैं कि वह करीब चार साल तक अपनी गर्लफ्रेंड के साथ थे। उन्होंने अलग होने का कारण भी बताया।
एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू के दौरान आईआईटी बाबा अभय सिंह अपने परिवार का जिक्र करते हुए कहा कि उनके घर में काफी झगड़े होते थे। उनके माता-पिता आपस में लड़ा करते थे। इसके कारण उन्हें पढ़ाई में भी दिक्कत होती थी। उन्होंने बाद में इस विषय पर एक फिल्म भी बनाई। अभय सिंह बताते हैं कि वह चार वर्षों तक रिलेशनशिप में भी रहे हैं।
अभय सिंह कहते हैं, 'फिल्म बनाने के बाद मैं ट्रामा में चला गया। इसके बाद मुझे कुछ भी महसूस ही नहीं होता था। मुझे शादी और परिवार का मन नहीं कर रहा था। मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को इसके बारे में बताया और हम दोनों अलग हो गए।' अभय सिंह ने कहा कि अब उसकी शादी हो चुकी है।
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई क्यों छोड़ दी, तो जूना अखाड़े से जुड़े इंजीनियर बाबा ने एएनआई से कहा, "मैं हरियाणा से आता हूं। मैंने आईआईटी में दाखिला लिया। फिर इंजीनियरिंग से आर्ट्स में दाखिला लिया, लेकिन वह भी काम नहीं आया। इसलिए मैं लगातार बदलाव करता रहा और बाद में मैं अंतिम सत्य पर पहुंचा।"
उन्होंने कहा, "फिर मैंने खोजबीन शुरू की। संस्कृत कैसे लिखी और रची गई और संस्कृत को इतना खास क्या बनाता है। मेरे मन में ज्ञान की खोज थी। फिर यह बदल गया। फिर सवाल यह था कि दिमाग कैसे काम करता है और आप अवांछित विचारों से कैसे छुटकारा पाते हैं।"