मैं सबसे ज्यादा ट्रोल होने वाला जज हूं, अब वे बेरोजगार हो जाएंगे; CJI चंद्रचूड़ ने कसा तंज
- प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने चार न्यायाधीशों की रस्मी पीठ की अध्यक्षता की। इस पीठ में मनोनीत प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित अपने विदाई समारोह में मजाकिया अंदाज में अपने ट्रोल्स पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि वह संभवतः सबसे ज्यादा ट्रोल किए जाने वाले जज हैं, लेकिन इसका उनके आत्मविश्वास पर कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने अपने आलोचकों का सम्मान करने की बात भी कही।
चंद्रचूड़ ने मजाक करते हुए कहा, "शायद मैं सबसे ज्यादा ट्रोल होने वाला जज हूं… मैं सोच रहा हूं कि सोमवार से क्या होगा क्योंकि जो लोग मुझे ट्रोल करते थे, वे बेरोजगार हो जाएंगे।" समारोह में, उन्होंने एक शेर के जरिए अपने आलोचकों को जवाब दिया और कहा, "मुखालफत से मेरी शख्सियत संवरती है...मैं दुश्मनों का बड़ा एहतिराम करता हूं..." चंद्रचूड़ का कार्यकाल 9 नवंबर 2022 को शुरू हुआ था और दो साल की सेवा के बाद आज समाप्त हो गया।
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने चार न्यायाधीशों की रस्मी पीठ की अध्यक्षता की। इस पीठ में मनोनीत प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल थे। यह पीठ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को विदाई देने के लिए बैठी थी। प्रधान न्यायाधीश ने न केवल अपने कार्य बल्कि देश की सेवा करने का मौका मिलने के लिए भी संतुष्टि व्यक्त की।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न टिप्पणियों के कारण आलोचना का शिकार हुए थे। हाल ही में अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर उन्होंने कहा था कि उन्होंने भगवान से समाधान का मार्गदर्शन मांगा था। सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणपति पूजा में शामिल होने के लिए सीजेआई के आवास का दौरा किया था, जिससे कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के अलगाव पर बहस छिड़ गई थी। इस पर भी न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया था कि ऐसे मुलाकातें किसी समझौते का संकेत नहीं हैं और राजनीतिक क्षेत्र में परिपक्वता की आवश्यकता है।