फर्जी इलाज दिखाकर आयुष्मान योजना के पैसे हड़प रहे अस्पताल? कई राज्यों में ED की ताबड़तोड़ छापेमारी
- कार्रवाई उन शिकायतों के बाद हुई है जिनमें आरोप लगाया गया था कि योजना के तहत सूचीबद्ध कई अस्पतालों में बिना किसी मरीज के भर्ती हुए ही इलाज दिखाकर फर्जी भुगतान लिए गए।

देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना 'आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY)' में बड़े स्तर पर हुए घोटाले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कम से कम एक दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की है।
ईडी की यह कार्रवाई उन शिकायतों के बाद हुई है जिनमें आरोप लगाया गया था कि योजना के तहत सूचीबद्ध कई अस्पतालों में बिना किसी मरीज के भर्ती हुए ही इलाज दिखाकर फर्जी भुगतान लिए गए। इन अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती किए बिना ही बीमा कंपनी से लाखों रुपये वसूल लिए।
आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के गरीब परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा सुविधा दी जाती है। योजना का उद्देश्य द्वितीयक और तृतीयक स्तर के इलाज को आसान बनाना है। वर्तमान में यह योजना लगभग 12.3 करोड़ गरीब परिवारों को कवर करती है और अब इसे 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी नागरिकों तक बढ़ा दिया गया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी की कार्रवाई में सामने आया है कि घोटाले में कई निजी अस्पताल शामिल हैं, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इलाज का दिखावा कर बीमा राशि हड़पते रहे। यह छापेमारी कैग की उस रिपोर्ट के बाद और तेज हुई है, जो वर्ष 2023 में संसद में पेश की गई थी। उस रिपोर्ट में झारखंड में बड़े पैमाने पर आयुष्मान योजना के दुरुपयोग का खुलासा हुआ था।
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के कम से कम 212 अस्पतालों ने बिना मरीजों को भर्ती किए करोड़ों रुपये की बीमा राशि निकाल ली थी। इसमें बड़े पैमाने पर फर्जी नाम, फर्जी मेडिकल रिकार्ड और बोगस मरीजों का इस्तेमाल किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी इस घोटाले में जुड़े अस्पताल संचालकों, एजेंटों और कुछ सरकारी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डेटा और नकदी भी जब्त किए जाने की खबर है। ईडी अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे रैकेट का नेटवर्क विभिन्न राज्यों तक फैला हुआ है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।