HMPV से संक्रमित तीनों बच्चों का क्या हाल, बिना यात्रा संपर्क के कैसे पहुंचा वायरस; टेंशन की क्या बात
HMPV Virus in India Update: मंत्रालय ने कहा है कि फिलहाल तीनों बच्चे की हालत स्थिर बनी हुई है और सभी चिंता की स्थिति से बाहर हैं। तीनों ही मामलों में यात्रा का कोई इतिहास सामने नहीं आया है।
HMPV Virus in India Update: देश में अब तक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कुल तीन मामले सामने आ चुके हैं। इनमें दो मामले कर्नाटक की राजधानी बेगलुरु में सामने आए हैं, जबकि तीसरा मामला गुजरात में मिला है। अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती दो महीने के बच्चे में यह संक्रमण पाया गया है। राजस्थान के डूंगरपुर का रहने वाला यह शिशु 24 दिसंबर को श्वसन संक्रमण के लक्षणों के साथ अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में स्थित अस्पताल में भर्ती हुआ था। अहमदाबाद नगर निगम के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी भाविन सोलंकी ने बताया कि जांच के बाद उसमें एचएमपीवी की पुष्टि हुई। मरीज को आइसोलेशन में रखा गया है। इससे पहले बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया था।र अब उसकी हालत स्थिर है।
उधर, तीन महीने की एक बच्ची को ब्रोन्कोन्यूमोनिया रोग के साथ बेंगलुरु के बैप्टिस्ट अस्पताल भर्ती कराया गया था। जब उसकी जांच कराई गई तो उसमें HMPV का पता चला। हालांकि, इलाज के बाद उसे अब छुट्टी दे दी गई है। इसके अलावा तीन जनवरी को आठ महीने का एक लड़का भी ब्रोन्कोन्यूमोनिया की शिकायत के बाद इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसे भी एचएमपीवी से पीड़ित पाया गया। फिलहाल यह बालक अस्पताल में ही है और वह ठीक हो रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि फिलहाल तीनों बच्चे की हालत स्थिर बनी हुई है और सभी चिंता की स्थिति से बाहर हैं। तीनों ही मामलों में यात्रा का कोई इतिहास सामने नहीं आया है। मंत्रालय ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की नियमित जांच से कर्नाटक में दोनों मामलों का पता चला हैं। दोनों मामलों की पहचान देश भर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए चल रहे प्रयासों के अंतर्गत सामने आये हैं।
बड़ी और टेंशन की बात यह है कि मंत्रालय ने कहा है कि यह वायरस पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में मौजूद है और इससे जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में मिले हैं। इसका प्रसार तेजी से हो सकता है और बड़े भी इसकी जद में आ सकते हैं। हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि इस वायरस के अलावा आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों में कोई उछाल दर्ज नहीं हुई है, जैसा कि कोविड-19 के समय में हुआ था।
मंत्रालय ने कहा है कि सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी की जा रही है। आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी परिसंचरण की निगरानी जारी रखेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी पहले से ही चीन में स्थिति के बारे में समय-समय पर जानकारी दे रहा है ताकि चल रहे उपायों के बारे में और जानकारी दी जा सके। भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि को संभालने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है और यदि आवश्यक हो तो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा तैनात की जा सकती है।
उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी पहले से ही चल रहे उपायों की जानकारी देने के लिए चीन की स्थिति के बारे में समय पर अपडेट दे रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों के बढ़ते मामलों की खबरों के बीच, शनिवार को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह (JMG) की बैठक हुई थी। (भाषा इनपुट्स के साथ)