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अग्नि पुरुष वैज्ञानिक राम नारायण अग्रवाल का निधन, कैसे भारत को बना गए मिसाइलों की दुनिया का बादशाह

  • उन्होंने देश में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अग्नि मिसाइलों के पहले कार्यक्रम निदेशक थे। उन्हें अग्नि पुरुष के रूप में भी जाना जाता था।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 15 Aug 2024 02:49 PM
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देश के जाने-माने मिसाइल वैज्ञानिक राम नारायण अग्रवाल का आज हैदराबाद में 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें भारत में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के साथ काम करते हुए वैज्ञानिक राम नारायण अग्रवाल ने भारत को आज उस मुकाम पर ला खड़ा किया है जहां वह मिसाइलों की दुनिया में अपने आप को सभी शीर्ष देशों के बराबर पाता है।

राम नारायण अग्रवाल को "अग्नि मैन" (अग्नि पुरुष) के नाम से भी जाना जाता था। वे अग्नि मिसाइल कार्यक्रम के पहले प्रोग्राम डायरेक्टर थे। DRDO अधिकारियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “अग्रवाल जी का योगदान न केवल रक्षा क्षेत्र में बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भी अतुलनीय रहा है।” डीआरडीओ ने एक बयान में कहा, "प्रख्यात डीआरडीओ मिसाइल वैज्ञानिक राम नारायण अग्रवाल का आज हैदराबाद में 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें अग्नि मिसाइलों के जनक के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने देश में लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अग्नि मिसाइलों के पहले कार्यक्रम निदेशक थे। उन्हें अग्नि पुरुष के रूप में भी जाना जाता था।"

डीआरडीओ के वरिष्ठ सेवारत और भूतपूर्व वैज्ञानिकों ने डॉ. अग्रवाल के निधन पर शोक व्यक्त किया। पूर्व डीआरडीओ प्रमुख और मिसाइल वैज्ञानिक डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा कि उनके निधन से देश ने एक महान हस्ती खो दी है। उन्होंने कहा कि डॉ. अग्रवाल ने देश में लंबी दूरी की मिसाइल निर्माण और प्रक्षेपण सुविधाओं के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आखिर क्या है भारत का अग्नि मिसाइल कार्यक्रम?

अग्नि मिसाइल कार्यक्रम भारत के सामरिक मिसाइल विकास कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न रेंज की मिसाइलें बनाना और उनका परीक्षण करना है। ये मिसाइलें भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करती हैं। अग्नि मिसाइलों को मुख्य रूप से दो कैटेगरी में बांटा गया है: मीडियम रेंज और लॉन्ग रेंज। यानी मध्यम दूरी की मिसाइलें और लंबी दूरी की मिसाइलें। अब तक कई अग्नि मिसाइलों का परीक्षण कर सेना में तैनात किया जा चुका है।

अग्नि-I: लगभग 700-900 किलोमीटर की रेंज वाली यह मिसाइल छोटी दूरी की सामरिक क्षमताओं के लिए विकसित की गई है।

अग्नि-II: लगभग 2000-3000 किलोमीटर की रेंज के साथ, यह मध्यम दूरी की मिसाइल है जो बेहद सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।

अग्नि-III: यह लंबी दूरी की मिसाइल है जिसकी रेंज लगभग 3500-5000 किलोमीटर है।

अग्नि-IV: यह भी लंबी दूरी की मिसाइल है जिसकी रेंज लगभग 4000-5000 किलोमीटर है, और यह उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकती है।

अग्नि-V: यह अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है जिसकी रेंज 5000-8000 किलोमीटर तक है।

अग्नि मिसाइल कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को एक विश्वसनीय और शक्तिशाली रक्षा प्रणाली प्रदान करना है, जो किसी भी संभावित खतरे का सामना करने में सक्षम हो। यह भारत की आत्मनिर्भरता और सामरिक क्षमता को मजबूत करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।

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