Hindi Newsदेश न्यूज़election commission raises question on exit polls and early trends of results

चुनाव आयोग ने टीवी चैनलों को जमकर लताड़ा, पूछा- गिनती 8.30 बजे से तो 8.05 बजे लीड कैसे बताते हैं

  • महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान इलेक्शन कमिशन ने कर दिया है। इसके साथ ही कुल 49 विधानसभा और लोकसभा सीटों पर उपचुनाव की भी घोषणा की गई है। चुनाव आयोग ने पूरा शेड्यूल जारी करते हुए एक और अहम टिप्पणी कर दी है, जिसकी चर्चा हो रही है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 15 Oct 2024 04:53 PM
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महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए इलेक्शन कमिशन ने मीडिया पर तीखी टिप्पणी की है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने एग्जिट पोल्स और मतगणना के दिन मीडिया में सुबह से ही दिखाए जाने वाले रुझानों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह सब ठीक नहीं है और इसे लेकर कुछ करने की जरूरत है। इलेक्शन कमिश्नर ने नतीजों वाले दिन सुबह 8 बजे से ही चुनावी रुझान दिखाए जाने पर सवाल उठाया।

उन्होंने कहा, ‘जब काउंटिंग का समय शुरू होता है तो 8.05 बजे और 8.10 बजे से रिजल्ट आना शुरू हो जाता है जो नॉनसेंस है। मेरी पहली काउंटिंग 8.30 बजे शुरू होती है. हमारे पास प्रमाण है इस बार कि 8.05 बजे, 8.10 बजे, 8.15 बजे आने लगा कि इतने की लीड, इतने की लीड, इतने की लीड. ऐसा तो नहीं है, हम सिर्फ पूछ रहे हैं, एग्जिट पोल को सही ठहराने के लिए वो शुरू में ट्रेंड्स आ गए। कि हमने तो ऐसा कहा था, वैसा ही ट्रेंड हो रहा है। बाद में जो होगा, वो होगा।’

चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘पहला रिजल्ट, एक राउंड का, 8.30 बजे जब गिनती शुरू हो रही है, 9 बजने में 10 मिनट, 9 बजने में 5 मिनट से पहले आ ही नहीं सकता। 30 मिनट भी लगेंगे एक राउंड में तो आ ही नहीं सकता। हम उसको 9.30 बजे वेबसाइट पर डालते हैं। फिर 11.30 बजे डालते हैं। फिर 1.30 बजे डालते हैं।’ हो सकता है कि आपके संवाददाता वहां मौजूद होंगे तो पहले बता दिया। रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाना पड़ता है। एजेंट के साइन लेने पड़ते हैं। लेकिन 9 बजे से पहले कैसे आता है। 8.45 बजे तक जो लीड दिखा दिया जाता है उससे अपेक्षा पैदा हो जाती है और जब असली रिजल्ट आता है तो मिसमैच हो जाता है। इससे कभी गंभीर समस्या पैदा हो सकती है।

इसके अलावा एग्जिट पोल्स पर चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इस बार भी हमने देखा और कई बार ऐसा हुआ है कि एग्जिट पोल्स कुछ बताते हैं और नतीजा उससे अलग होता है। इसलिए यह सोचने की बात है कि आखिर एग्जिट पोल्स को करने का तरीका क्या होता है और उनका सैंपल साइज क्या होता है। यह सभी चीजें सोचने की बात है। यही नहीं इस दौरान उन्होंने अकसर चुनाव नतीजों वाले दिन टीवी चैनलों और अन्य मीडिया की ओर से सुबह से ही दिखाए जाने वाले रुझानों पर भी सवाल उठाया।

हरियाणा का उदाहरण देकर चुनाव आयुक्त ने मीडिया को सुनाया

उन्होंने कहा कि इस बार की ही बात करें तो हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में सुबह से ही रुझान आने लगे थे। यह कहा जाने लगा कि पहले राउंड का रुझान 8:30 तक ही आ गया है। यह पूरी तरह से गलत था। सच यह है कि हम खुद 9:30 बजे पहले राउंड की काउंटिंग के बारे में जानकारी देते हैं और इसे साइट पर अपलोड किया जाता है। ऐसे में कैसे यह बात एक घंटे पहले ही कही जा सकती है कि पहले राउंड में कौन आगे हैं और कौन पीछे।

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‘मीडिया जल्दबाजी करता है और फिर सवाल उठते हैं’

इलेक्शन कमिश्नर ने कहा कि मीडिया की तरफ से रुझान दिखाने में जल्दबाजी की जाती है। कई बार ऐसा करने में मनमानी होती है और इसी के चलते जब चुनाव आयोग के वास्तविक रुझान आते हैं तो अंतर दिखता है। मीडिया और आयोग के रुझानों में जब फर्क आता है तो पीछे रह जाने वाले दल सवाल उठाते हैं। वे चुनाव आयोग पर सवाल उठाने लगते हैं। इसके लिए कुछ करना होगा और ऐसे नहीं चल सकता।

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