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Hindi Newsदेश न्यूज़Defeat China with soft policy why Jaishankar Maldives tour a masterstroke of Indian strategy

सॉफ्ट पॉलिसी से चीन को मात, जयशंकर का मालदीव दौरा क्यों है भारत की रणनीति का मास्टरस्ट्रोक?

  • भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का मालदीव दौरा चीन के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करने के लिए भारत की सॉफ्ट पॉलिसी का मास्टरस्ट्रोक है। इस यात्रा में रक्षा, सुरक्षा और डिजिटल सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 10 Aug 2024 10:43 AM
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मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के लगभग नौ महीने बाद भारत की ओर से पहली उच्चस्तरीय यात्रा के तहत विदेश मंत्री एस जयशंकर मालदीव पहुंचे हैं। यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने का प्रयास है, बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखते हुए लिए दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने का भी महत्वपूर्ण कदम है।

जयशंकर ने मालदीव यात्रा के दौरान मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ-साथ वहां के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून के साथ एक सकारात्मक बैठक की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई। इसके अलावा, समुद्री सुरक्षा के लिए संयुक्त पहल और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के साझा हितों पर भी जोर दिया गया। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब मालदीव और चीन के बीच सैन्य संबंध गहराते जा रहे हैं। हाल ही में चीन का एक आधुनिक अनुसंधान पोत मालदीव के बंदरगाह पर पहुंचा है।

मालदीव के लिए क्या है भारत की सॉफ्ट पॉलिसी?
भारत की सॉफ्ट पॉलिसी और सहयोगात्मक दृष्टिकोण ने उसे मालदीव में एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में स्थापित किया है। जबकि चीन अपनी आर्थिक और सैन्य शक्ति का उपयोग करके प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, भारत अपने सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक संबंधों के जरिए मालदीव के साथ एक गहरा रिश्ता बनाने में सफल रहा है। जयशंकर की यात्रा के दौरान, भारत ने मालदीव में एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) प्रणाली शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे मालदीव के पर्यटन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

मालदीव में क्यों जरूरी है यूपीआई पेमेंट?
यूपीआई जैसे पहल न केवल आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देते हैं, बल्कि डिजिटल क्षेत्र में भी मालदीव को सशक्त करेंगे। भारत में वित्तीय समावेशन की दिशा में उठाए गए कदमों के अनुभव को साझा करते हुए जयशंकर ने बताया कि कैसे डिजिटल लेनदेन ने भारत में क्रांति ला दी है, और दुनिया के 40 प्रतिशत रियलटाइम के डिजिटल भुगतान भारत में हो रहे हैं। यह साझेदारी मालदीव के लिए एक आर्थिक अवसर साबित हो सकती है, विशेष रूप से पर्यटन के क्षेत्र में। इस बात से सभी वाकिफ हैं कि मालदीव में पर्यटन जीडीपी का लगभग 30 प्रतिशत और विदेशी मुद्रा का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा उत्पन्न करता है।

भारत और मालदीव के बीच संबंधों की यह नवीनतम पहल चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच एक संतुलन बनाने का प्रयास है। मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत-मालदीव संबंधों में आई तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद, भारत ने मालदीव के साथ अपने रिश्तों को सॉफ्ट पावर और सहयोग के माध्यम से मजबूत करने का प्रयास जारी रखा है। मालदीव की रणनीतिक स्थिति और उसकी आंतरिक स्थिरता क्षेत्रीय शांति के लिए महत्वपूर्ण है और भारत इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए अपने संबंधों को मजबूत करने पर जोर दे रहा है। यही वजह है कि जयशंकर की यह यात्रा भारत की सॉफ्ट पॉलिसी के साथ मिलकर मालदीव के साथ एक स्थायी और संतुलित साझेदारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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