सुबह कांग्रेस की जीत, दोपहर में BJP की सरकार... ये चमत्कार कैसे? हरियाणा चुनाव पर संजय राउत
- हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि सुबह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर कांग्रेस को 72 सीटें नजर आ रही थीं लेकिन दोपहर में भाजपा को बढ़त मिल गई। यह चमत्कार कैसे हुआ?
मुंबई के शिवाजी पार्क में शिवसेना (उद्धव गुट) की दशहरा रैली नेता संजय राउत ने हरियाणा चुनावों का जिक्र करते हुए चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा चुनावों में सुबह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर कांग्रेस को 72 सीटें नजर आ रही थीं लेकिन दोपहर में भाजपा को बढ़त मिल गई। राउत ने इसे ईवीएम में साथ की गई छेड़छाड़ बताया। राउत ने कहा कि वे आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ऐसा नहीं होने देंगे।
राउत ने कहा, "हरियाणा चुनावों में सुबह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर कांग्रेस को 72 सीटें दिख रही थीं, लेकिन दोपहर में बीजेपी ने सरकार बना ली। यह चमत्कार कैसे हुआ? यह सिर्फ ईवीएम धोखाधड़ी का नतीजा है और कुछ नहीं। हम महाराष्ट्र चुनावों में इस तरह की धांधली होने देंगे।"
कांग्रेस भी जता चुकी है ऐतराज
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतगणना के दौरान ईवीएम में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग को शुक्रवार को और भी शिकायतें सौंपी थी। आयोग को 20 विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस उम्मीदवारों ने दी अपनी लिखित शिकायतों में आरोप लगाया है कि आठ अक्टूबर को हुई मतगणना के दौरान कुछ ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थीं। कांग्रेस ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम अप्रत्याशित हैं और कुछ सीट पर ईवीएम में विसंगितयों का आरोप लगाया है।
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "9 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने निर्वाचन आयोग को शिकायतें सौंपी थीं। आज हमने एक अद्यतन ज्ञापन दिया है, जिसमें हरियाणा के 20 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रक्रिया में गंभीर और स्पष्ट अनियमितताओं को रेखांकित किया गया है।" उन्होंने आयोग को दिये गए ज्ञापन को साझा करते हुए कहा, “हमें उम्मीद है कि आयोग इस पर संज्ञान लेगा और उपयुक्त निर्देश जारी करेगा।”
हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर से जीत हासिल की है। 8 अक्तूबर को आए चुनाव के नतीजों में 90 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा को 48 सीटें मिलीं। वहीं कांग्रेस को 37 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। वहीं आईएनएलडी को दो और अन्य तीन सीटें निर्दलीय विधायक जीतने में सफल रहे। कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह इस बार हरियाणा में सरकार बनाएगी मगर ऐसा नहीं हो पाया।