EVM पर कांग्रेस में फूट! मस्क का जिक्र कर सुक्खू ने उठाए सवाल, सांसद चिदंबरम बोले- सबूत नहीं मिला
- हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ईवीएम को लेकर कहा कि संदेह दूर किया जाना चाहिए। किसी भी तकनीक को हैक किया जा सकता है। यहां तक कि एलन मस्क ने भी यह कहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार के बाद ईवीएम का मुद्दा फिर से उठ गया है। कांग्रेस नेता और कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर के ईवीएम हैक का दावा किए जाने के बाद अब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सुक्खू ने बैलट पेपर से चुनाव करवाने की मांग की है। हालांकि, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने साफ किया है कि उन्हें ईवीएम से छेड़छाड़ का सबूत नहीं मिला है। यानी कि ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस बंटी हुई नजर आ रही है।
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ईवीएम को लेकर कहा, ''संदेह दूर किया जाना चाहिए। किसी भी तकनीक को हैक किया जा सकता है। यहां तक कि एलन मस्क ने भी यह कहा है। इसलिए संदेह दूर करने के लिए बैलेट पेपर पर चुनाव कराए जा सकते हैं।" वहीं, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि वे 2004 से ही चुनावों में हिस्सा ले रहे हैं और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ईवीएम से छेड़छाड़ या हेराफेरी का कोई सबूत नहीं देखा है। चिदंबरम ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "मैं 2004 से ही ईवीएम का इस्तेमाल करते हुए चुनावों में हिस्सा ले रहा हूं। मुझे व्यक्तिगत रूप से कोई बुरा अनुभव नहीं हुआ है। न ही मेरे पास यह साबित करने के लिए कोई सबूत है कि किसी तरह की हेराफेरी या छेड़छाड़ हुई है।"
उन्होंने आगे कहा कि वे अपनी और अपनी पार्टी के अन्य सदस्यों की राय में अंतर जानते हैं, लेकिन हेराफेरी के ऐसे आरोपों को वैज्ञानिक आंकड़ों से साबित किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, "जब तक कोई वास्तव में वैज्ञानिक आंकड़ों से यह साबित नहीं कर देता कि हेराफेरी हुई है, मैं अपना विचार बदलने को तैयार नहीं हूं। मैं जानता हूं कि मेरी पार्टी में कई लोगों का दृष्टिकोण अलग है, इसे स्पष्ट करना वास्तव में उन्हीं का काम है।" उन्होंने कहा कि उन्हें ईवीएम की मजबूती पर पूरा भरोसा है, साथ ही उन्होंने बताया कि पार्टियों ने ईवीएम के दम पर ही चुनाव जीते और हारे हैं। उन्होंने कहा, "अगर दूसरों को ईवीएम के बारे में किसी तरह का संदेह है, तो यह उन्हें कहना चाहिए। लेकिन मुझे व्यक्तिगत रूप से ईवीएम की प्रभावशीलता की मजबूती के बारे में कोई संदेह नहीं है। क्योंकि हम ईवीएम से चुनाव जीतते हैं, इसलिए हम ईवीएम से ही चुनाव हारते हैं।''
इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत पर चिंता जताई और आरोप लगाया कि भाजपा ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए मतदान केंद्रों में हेराफेरी करके चुनाव जीता है। कांग्रेस नेता ने सोमवार को 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे वही आए जो भाजपा चाहती थी। उन्होंने 148 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 132 जीते, जिनकी सफलता दर 89 प्रतिशत रही। अगर वे (भाजपा) चाहें तो एसएस (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के बिना भी सरकार बना सकते हैं। भाजपा ने ईवीएम के जरिए लक्षित मतदान केंद्रों में हेराफेरी करके यह चुनाव जीता है।" हालांकि, महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन का हिस्सा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि ईवीएम में हेराफेरी को साबित करने के लिए सबूतों की जरूरत है और वह इस मुद्दे पर कांग्रेस से चर्चा करेंगी।
अब ईवीएम से भी होने लगी बेईमानी , नहीं लड़ेंगे उपचुनाव: मायावती
वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव में ईवीएम के जरिए फर्जी वोटिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी भविष्य में उपचुनाव नहीं लड़ेगी। मायावती ने रविवार को कहा कि पहले बैलट पेपर के जरिए फर्जी मतदान की सूचनाओं मिलती थी जबकि अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के जरिए भी फर्जी मतदान होने लगा है इसलिए उनकी पार्टी ने फैसला लिया है कि भविष्य में किसी भी उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनाव में पूरी ताकत से जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी।