जिस खाई में देश को डुबोया है, पहले उसके लिए मांगें माफी; मां के बचाव में आगे आईं प्रियंका गांधी
जब प्रियंका गांधी वाड्रा से भाजपा द्वारा माफी मांगने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जिस खाई में देश को डुबोया है, पहले उसके लिए माफी मांगें वे लोग।
संसद के बजट सत्र के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनके भाषण पर कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की टिप्पणी पर सियासी विवाद हो गया है। भाजपा ने इसे एक आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करार दिया है और सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की है। उस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस सांसद और सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी ने भाजपा पर ही हमला बोल दिया है। कांग्रेस महासचिव एवं केरल की वायनाड सीट से सांसद प्रियंका ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी की टिप्पणी को लेकर माफी की मांग करने वाली भाजपा को पहले ‘देश को डुबोने’ के लिए माफी मांगनी चाहिए।
संसद परिसर में प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "मेरी मां 70-80 साल की महिला हैं, उन्होंने बस इतना कहा है कि 'राष्ट्रपति ने इतना लंबा भाषण पढ़ा कि वह थक गई होंगी, बेचारी'...वह (भारत के राष्ट्रपति) का पूरा सम्मान करती हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की बातों को मीडिया द्वारा तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। वे दोनों सम्मानित लोग हैं और हमसे उम्र में बड़े हैं...उनका कोई अपमान करने का इरादा नहीं है।" जब उनसे भाजपा द्वारा माफी मांगने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "जिस खाई में देश को डुबोया है, पहले उसके लिए माफी मांगें वे लोग।"
बता दें कि कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद कहा था कि वह अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोनिया गांधी की टिप्प्णी की निंदा की और मांग की कि वह राष्ट्रपति और भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगें। भाजपा के और कई वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने इस मुद्दे को उछालते हुए सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की है।
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के स्वास्थ्य के प्रति सोनिया गांधी जी की सहानुभूति भाजपा के लोगों को पच नहीं रही है। भारत के प्रत्येक व्यक्ति के मन में राष्ट्रपति के प्रति सम्मान और सहानुभूति है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या भाजपा राष्ट्रपति मुर्मू के प्रति उस अनादर का जवाब देगी, जब उन्हें संसद भवन या अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया गया? मैं उन्हें इस प्रश्न का उत्तर देने की चुनौती देता हूं।’’