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बेचारी महिला, बोल भी नहीं पा रही थीं; राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलीं सोनिया गांधी

  • राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा था कि सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है और किसानों की आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानFri, 31 Jan 2025 01:42 PM
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बेचारी महिला, बोल भी नहीं पा रही थीं; राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलीं सोनिया गांधी

Budget Session: संसद के बजट सत्र की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार की योजनाओं को रेखांकित किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण में किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया गया। हालांकि, विपक्ष को उनकी यह बात रास नहीं आई।

कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने शुक्रवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति अंत तक "बहुत थकी हुई" नजर आ रही थीं। सोनिया गांधी ने कहा, "वह बहुत थकी हुई लग रही थीं, अंत में मुश्किल से बोल पा रही थीं। बेचारी महिला।"

इससे इतर, सोनिया गांधी के बेटे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे बोरिंग बताया। राहुल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति का भाषण अत्यधिक उबाऊ था और इसमें कुछ नया नहीं था।

कांग्रेस नेताओं के इन बयानों के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई। सत्ता पक्ष के द्वारा इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की प्रबल संभावना बन रही है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा था कि सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है और किसानों की आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में विकास का एक नया वातावरण बना है तथा इस केंद्रशासित प्रदेश में लोकसभा चुनाव एवं विधानसभा चुनाव अत्यंत शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुए।

उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर के लोगों के दिल से दूरियों का भाव समाप्त किया

मुर्मू ने कहा, ‘‘ विकसित भारत की एक महत्वपूर्ण कसौटी, देश का संतुलित विकास है। किसी क्षेत्र में ये भावना नहीं होनी चाहिए कि वो विकास में पीछे छूट रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर के लोगों की इन्हीं भावनाओं को समझा, उनके दिल से दूरियों का भाव समाप्त किया तथा 10 से अधिक शांति समझौते कर सरकार ने अनेक गुटों को शांति के मार्ग से जोड़ने का काम किया है।

राष्ट्रपति ने इस बात का उल्लेख किया कि पूरा देश पूर्वोत्तर के आठ राज्यों की संभावनाओं को देख सके, इस दिशा में पहले अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन किया गया।

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