राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से माफी मांग लें सोनिया गांधी, कमजोर बताने पर भड़क गई भाजपा
- भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, ‘आज के बयान के बाद ये सांसद होने के लायक नहीं हैं। पहला बुनियादी नियम यह है कि राष्ट्रपति, न्यायाधीश पर टिप्पणी नहीं करते, लेकिन आज आदिवासी महिला राष्ट्रपति पर ऐसी टिप्पणी की गई।’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया को लेकर हंगामा मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के नेता उनसे माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, सोनिया ने कहा कि वह (राष्ट्रपति मुर्मू) अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री और भाजपा के सीनियर नेता किरेन रिजिजू ने कहा, 'मैं सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं की ओर से की गई टिप्पणियों की निंदा करता हूं। हमारी राष्ट्रपति, एक आदिवासी महिला हैं, वे कमजोर नहीं हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश और समाज के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और वे उस तरह के काम की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। उन्हें उनसे माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने सोनिया गांधी के बयान पर कहा, ‘यह देश को शर्मसार करने वाला बयान है। संवैधानिक प्रक्रिया होती है कि राष्ट्रपति दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हैं और उसमें सरकार की नीतियों की रूपरेखा होती है। जब इस पर चर्चा होगी, तब उन्हें आलोचना करने का अवसर मिलेगा। लेकिन आज के बयान के बाद ये दोनों लोग सांसद होने के लायक नहीं हैं। पहला बुनियादी नियम यह है कि राष्ट्रपति, न्यायाधीश पर टिप्पणी नहीं करते, लेकिन आज एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति पर ऐसी टिप्पणी की गई।’
यह सीधे तौर पर संविधान का अपमान: अर्जुन राम मेघवाल
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के सीनियर लीडर अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, 'भारत के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च है। जो लोग संविधान के सम्मान की बात करते हैं और जो सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठी हमारी आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते हैं, वे संविधान का भी अपमान कर रहे हैं। यह सीधे तौर पर संविधान का अपमान है। आपको लोकसभा में बोलने का मौका मिलेगा, अगर आप सकारात्मक आलोचना करना चाहते हैं तो लोकसभा उसके लिए मंच है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के तुरंत बाद उन्होंने जो निम्न स्तर की टिप्पणी की, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं।'
हरदीप सिंह पूरी बोले- क्या वह भाषण सुन भी रहे थे?
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोनिया गांधी के बयान पर कहा, 'यह बहुत दुखद है कि राजनीति में एक राजनीतिक दल के नेता राष्ट्रपति के बारे में ऐसी बातें कह सकते हैं। वह पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। उनके बेटे राहुल गांधी ने कहा कि भाषण उबाऊ था, क्या वह भाषण सुन भी रहे थे? उन्होंने सरकार की तरफ से रिपोर्ट कार्ड दिया। अगर आपको इस पर आपत्ति है तो चर्चा होगी और फिर आप इसका प्रतिवाद कर सकते हैं। उनकी मां (सोनिया गांधी) कहती हैं थकी हुई, ये किस तरह के शब्द हैं। मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी का वर्तमान नेतृत्व अहंकारी है।'
ये कैसे विपक्ष के लोग हैं, बोलीं शांभवी चौधरी
एलजेपी (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी ने कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी के बयान पर कहा, 'यह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर उनके नजरिये को दर्शाता है। उन्होंने बहुत अच्छा भाषण दिया। उन्होंने टीबी मुक्त भारत, AI, तकनीक के बारे में कितनी खूबसूरती से बात की। समावेशिता के बारे में बात की। अगर उन्हें यह उबाऊ लगता है तो यह उनका नजरिया है, देश को समझना चाहिए कि कैसे विपक्ष के लोग हैं।'
आखिर सोनिया गांधी ने कहा क्या था
राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि वह अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं। उन्होंने संसद परिसर में कहा, ‘अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं। वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी।’ बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया और सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया। मुर्मू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के इस तीसरे कार्यकाल में तीन गुना गति से काम हो रहा है। एक राष्ट्र, एक चुनाव और वक्फ संशोधन विधेयक जैसे कानूनों पर तेज गति से कदम आगे बढ़ाया गया है।