Notification Icon
Hindi Newsदेश न्यूज़Congress Hails Cancellation of Lateral Entry Advertisement as Victory for Constitution

'खरगे, राहुल के कारण निरस्त हुआ लेटरल एंट्री का विज्ञापन', संविधान की जीत बता रही कांग्रेस

  • सरकार ने विवाद के बीच यूपीएससी को नौकरशाही में ‘लेटरल एंट्री’ से संबंधित ताजा विज्ञापन वापस लेने का निर्देश दिया।

Amit Kumar हिन्दुस्तान टाइम्स, वृंदा तुलस्यान, नई दिल्लीTue, 20 Aug 2024 09:37 AM
share Share

केंद्र सरकार ने विवाद के बीच मंगलवार को यूपीएससी को नौकरशाही में ‘लेटरल एंट्री’ से संबंधित ताजा विज्ञापन वापस लेने का निर्देश दिया। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखकर विज्ञापन रद्द करने को कहा “ताकि कमजोर वर्गों को सरकारी सेवाओं में उनका उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।” अब कांग्रेस नेताओं ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे संविधान की जीत बताया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर एक पोस्ट में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमजोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है। खरगे ने लिखा, "संविधान जयते! हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है। Lateral Entry पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताक़त ही हरा सकती है। श्री राहुल गांधी, कांग्रेस और INDIA पार्टियों की मुहिम से सरकार एक कदम पीछे हटी है, पर जब तक BJP-RSS सत्ता में है, वो आरक्षण छीनने के नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी। हम सबको सावधान रहना होगा। बजट में मध्यम वर्ग पर किया गया Long Term Capital Gain/ Indexation वाला प्रहार हो, या वक्फ बिल को JPC के हवाले करना हो, या फिर Broadcast Bill को ठंडे बस्ते में डालना हो - जनता और विपक्ष की ताक़त देश को मोदी सरकार से बचा रही है।"

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "एक कमजोर प्रधानमंत्री" बताते हुए कहा, "2024 ने हमें दो नतीजे दिए हैं: एक कमजोर प्रधानमंत्री और विपक्ष का एक मजबूत जन नेता। अंत में, यह हमारे संविधान की जीत हुई। ब्रॉडकास्ट बिल वापस लिया गया!! लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन/इंडेक्सेशन वापस लिया गया। ताजा लेटरल एंट्री वापस ली गई। श्रीमान कमजोर प्रधानमंत्री।"

बता दें कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से 45 संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की थी। लेटरल एंट्री को सरकारी विभागों में (निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञों सहित) विभिन्न विशेषज्ञों की नियुक्ति कहा जाता है। इस निर्णय की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। उनका दावा है कि इससे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण अधिकारों का हनन हुआ है।

अब केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने अपने पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण "हमारे सामाजिक न्याय ढांचे की आधारशिला है जिसका उद्देश्य ऐतिहासिक अन्याय को दूर करना और समावेशिता को बढ़ावा देना है।" उन्होंने कहा, "चूंकि इन पदों को विशिष्ट मानते हुए एकल-कैडर पद के रूप में नामित किया गया है, इसलिए इन नियुक्तियों में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। माननीय प्रधानमंत्री के सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, इस कदम की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा, "मैं यूपीएससी से 17 अगस्त 2024 को जारी लेटरल एंट्री भर्ती विज्ञापन को रद्द करने का आग्रह करता हूं।" जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह कदम सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति होगा।

जितेंद्र सिंह ने UPSC अध्यक्ष प्रीति सूदन को लिखे अपने पत्र में कहा था कि लेटरल एंट्री के सिद्धांत को 2005 में दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग ने समर्थन दिया था और 2013 में छठे वेतन आयोग ने भी इसका समर्थन किया था, लेकिन "इसके क्रियान्वयन को लेकर चिंताएं हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान लेटरल एंट्री पदों में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय पर प्रधानमंत्री के फोकस के साथ तालमेल बिठाने के लिए इस मुद्दे की समीक्षा की जानी चाहिए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें