अमित शाह और नड्डा से मिली टीम योगी, अब CM के साथ हर रैली में दिखेंगे दोनों डिप्टी; उपचुनाव का बड़ा प्लान
- भाजपा की कोशिश है कि हार के बाद बिगड़े माहौल को इन चुनावों से सुधार लिया जाए। यही नहीं भाजपा ने इसके लिए आपसी मतभेदों को भी खत्म करने का प्लान तैयार किया है। अब तक कई बार कयास लगते रहे हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक के बीच बहुत अच्छे रिश्ते नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश की इन 10 सीटों पर भी मतदान कराने की संभावना है। इस बीच भाजपा ने पूरी तैयारी कर ली है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद से अयोध्या तक जमकर रैलियां कर रहे हैं। भाजपा की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव 2024 में मिली हार के बाद बिगड़े माहौल को इन चुनावों से सुधार लिया जाए। यही नहीं भाजपा ने इसके लिए आपसी मतभेदों को भी खत्म करने का प्लान तैयार किया है। अब तक कई बार कयास लगते रहे हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक के बीच बहुत अच्छे रिश्ते नहीं हैं।
अब इन कयासों को ही दूर करने के लिए संयुक्त रैलियों का प्लान बन रहा है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि चुनाव प्रचार में सभी 10 सीटों पर सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जाएंगे। इसके अलावा कई सीटों पर ब्रजेश पाठक भी साथ रहेंगे। इन रैलियों के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि भाजपा और यूपी सरकार में सब कुछ सही है और एकजुटता है।
माना जाता है कि यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को इन चर्चाओं के चलते भी नुकसान हुआ था। एक वर्ग ने ऐसी अफवाहें फैला दी थीं कि आम चुनाव के बाद सूबे में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है। ऐसा कुछ नहीं हुआ और अब भाजपा एकजुटता के साथ जमीन पर संदेश देना चाहती है कि पार्टी में ऑल इज वेल है।
भाजपा उपचुनाव वाली 10 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम भी जल्दी ही तय कर सकती है। इन नामों पर मंथन के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ, यूपी चीफ भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक रविवार को दिल्ली पहुंचे थे। इस मीटिंग में होम मिनिस्टर अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद थे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार मीरापुर सीट भाजपा की ओर से सहयोगी दल आरएलडी को दी जा सकती है। इसके अलावा खैर सीट पर भी आरएलडी की दावेदारी है। वहीं निषाद पार्टी की मांग है कि उसे कठारी और मझवां सीट मिल जाए। गाजियाबाद में तो भाजपा खुद ही मजबूत है और यहां सीएम योगी कई बार आ भी चुके हैं।