Hindi Newsदेश न्यूज़CJI Sanjiv Khanna changed the tradition now only these cases will be heard on Wednesday and Thursday

Supreme Court: CJI संजीव खन्ना ने बदल दी परंपरा, अब बुधवार और गुरुवार को सुने जाएंगे सिर्फ ये केस

  • Supreme Court: उच्चतम न्यायालय में मामलों की सुनवाई के संबंध में शनिवार को एक नया परिपत्र जारी किया गया। परिपत्र के अनुसार, बुधवार और गुरुवार को नियमित सुनवाई वाले मामले सूचीबद्ध नहीं होंगे।

Nisarg Dixit Mon, 18 Nov 2024 10:39 AM
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CJI Sanjiv Khanna: CJI यानी भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद संभालते ही जस्टिस संजीव खन्ना लगातार नियमों में बदलाव कर रहे हैं। ताजा बदलाव मामलों की सुनवाई से जुड़ा है। खबर है कि अब सुप्रीम कोर्ट में बुधवार और गुरुवार को नियमित सुनवाई वाले मामलों को सूचिबद्ध नहीं किया जाएगा। 10 नवंबर को ही जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई पद से रिटायर हुए हैं।

उच्चतम न्यायालय में मामलों की सुनवाई के संबंध में शनिवार को एक नया परिपत्र जारी किया गया। परिपत्र के अनुसार, बुधवार और गुरुवार को नियमित सुनवाई वाले मामले सूचीबद्ध नहीं होंगे। परिपत्र में कहा गया, ‘अब से नोटिस के बाद मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को स्थानांतरण याचिकाओं और जमानत मामलों सहित विविध मामलों को सूचीबद्ध किया जाएगा और अगले आदेश तक बुधवार और गुरुवार को कोई नियमित सुनवाई का मामला सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा।’

परिपत्र में कहा गया, ‘विशेष पीठ या आंशिक सुनवाई वाले मामले, चाहे विविध या नियमित सुनवाई हो, जिन्हें मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया है, उन्हें भोजनावकाश के बाद के सत्र में या सक्षम प्राधिकारी के निर्देशानुसार सूचीबद्ध किया जाएगा।’

मौजूदा परंपरा के अनुसार, नए मामलों को सोमवार और शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जाता है, जब विविध मामलों पर सुनवाई होती है। मंगलवार और गुरुवार को नियमित सुनवाई के उन मामलों को सूचीबद्ध किया जाता है, जहां अंतिम सुनवाई होती है।

हाल ही में जारी किया नया रोस्टर

CJI खन्ना ने हाल ही में 16 पीठों को नए मामलों के आवंटन के लिए एक नया रोस्टर जारी किया है, साथ ही यह निर्णय लिया गया है कि प्रधान न्यायाधीश और दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों की अध्यक्षता वाली पहली तीन अदालतें क्रमशः पत्र याचिकाओं और जनहित याचिकाओं की सुनवाई करेंगी। प्रधान न्यायाधीश के आदेश के तहत नए मामलों के आवंटन के लिए रोस्टर को सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री ने अधिसूचित किया और यह 11 नवंबर से प्रभावी हो गया है।

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