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वॉटर बम की तरह यूज कर सकता है चीन; पूर्वी तिब्बत के डैम प्रोजेक्ट को लेकर अरुणाचल सीएम

  • Arunachal CM regarding Tibet dam project: चीन द्वारा पूर्वी तिब्बत में बनाए जा रहे विशालकाय डैम को लेकर अरुणाचल सीएम ने अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि चीन इसका इस्तेमाल वॉटर बम की तरह कर सकता है। इससे भारत ही नहीं बांग्लादेश में भी लाखों लोगों की जान जाएगी।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानSat, 25 Jan 2025 02:35 AM
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वॉटर बम की तरह यूज कर सकता है चीन; पूर्वी तिब्बत के डैम प्रोजेक्ट को लेकर अरुणाचल सीएम

चीन द्वारा पूर्वी तिब्बत में बनाए जा रहे विशालकाय डैम को लेकर अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने भी चिंता जताई है। इससे पहले असम सीएम हिमंता सरमा भी इसे लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। पेमा खांडू ने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन इस विशालकाय डैम का इस्तेमाल वाटर बम के रूप में कर सकता है। उन्होंने कहा कि चीन के इस जलविद्युत परियोजना के कारण भारत और बांग्लादेश में रहने वाले करोडों लोगों की जान दांव पर लग सकती है।

पर्यावरण और सुरक्षा के एक सेमिनार के उद्घाटन में सीएम खांडू ने कहा कि चीन द्वारा यारलुंग त्संगपो नदी बनाई जा रही यह परियोजना करीब 60 हजार मेगावॉट बिजली पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर इतनी बड़ा पावर प्रोजेक्ट वहां बनाया जाता है तो इसका यहां के पारिस्थितिकी पर बुरा असर पड़ेगा। क्योंकि यारलुंग त्संगपो ही सियांग नदी के रूप में अरुणाचल प्रदेश में आती है और बाद में ब्रह्मपुत्र में मिल जाती है।

खांडू ने कहा कि चीन द्वारा इतना बड़ा डैम बनाया जाना एक बड़ा खतरा है और चीन इसे वॉटर बम के रूप में उपयोग करता है तो इससे हमारी आधी से ज्यादा जनजाति नष्ट हो जाएगी। असम और अरुणाचल में लाखों लोग अपनी जान गंवा देंगे। यह केवल भारत तक नहीं रुकेगा बल्कि बांग्लादेश तक अपना असर दिखाएगा।

अरुणाचल सीएम ने कहा कि यह परियोजना इसलिए और भी अधिक चिंताजनक हो जाती है क्योंकि चीन वैश्विक जलसंधि का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन की इस परियोजना से भारत को नुकसान होगा। हमने केंद्र सरकार को इसकी भरपाई के लिए सियांग नदी के ऊपर एक 12500 मेगावाट की बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण का प्रस्ताव दिया है।

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सीएम ने कहा कि इस परियोजना से चीन द्वारा जल को नियंत्रित करने की स्थिति में मदद मिलेगी और अगर चीन ने डैम को वॉटर बम के रूप में प्रयोग किया तो ऐसी स्थिति में यह कुछ हद तक हमारी रक्षा भी करेगा। लेकिन हम केवल इसी के सहारे नहीं रह सकते, हमें अपनी रक्षा पंक्ति और मजबूत करनी होगी। बहरहाल, सीएम भले ही यहां पर एक परियोजना बनाने की बात कर रहे हैं लेकिन सियांग के आसपास के निवासियों ने इस परियोजना का विरोध करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि इससे उनके घर उजड़ जाएंगे और जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो जाएगा।

खांडू ने कहा कि एक और हम हैं जो अपनी सीमाओं पर शांति क वकालत करते हैं। दूसरी तरफ चीन है, जिसके इतिहास को देखते हुए उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। चीन के विस्तारवादी रवैए से केवल भारत ही नहीं बल्कि बहुत सारे देश परेशान हैं। खांडू ने कहा कि चीन लगातार तिब्बत के संसाधनों का दोहन कर रहा है। वहां से निकलने वाली सारी नदियों के ऊपर चीन अपनी परियोजनाएं थोप रहा है, जिससे वहां की पारिस्थितिकी पूरी तरह से खराब हो रही है। इन नदी प्रणालियों पर निर्भर रहने वाले लाखों लोगों का जीवन भी इससे प्रभावित हो रहा है।

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