यूक्रेन के संग जंग खत्म होने के बढ़े आसार, PM मोदी का दूत बनकर रूस के NSA से मिले अजीत डोभाल
- डोभाल की रूस यात्रा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यूक्रेन की हाई-प्रोफाइल यात्रा के ढाई सप्ताह बाद हुई है। ज़ेलेंस्की के साथ अपनी बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए साथ बैठकर चल रहे युद्ध को समाप्त करना चाहिए।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूत बनकर रूसी एनएसए सर्गेई शोइगु से सेंट पीटर्सबर्ग में मिले। इस दौरान दोनों ने यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध का समाधान ढूंढने पर मंथन किया। एनएसए डोभाल ने रूस को भारत की संभावित भूमिका के बारे में भी बताया। बुधवार शाम को डोभाल-शोइगु की बैठक ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन के दौरान हुई।
इससे पहले 23 अगस्त को कीव में हुई यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक को लेकर भी दोनों एनएसए के बीच चर्चा हुई। रूस स्थित भारतीय दूतावास ने डोभाल और शोइगु के बीच वार्ता पर कहा, "दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और पारस्परिक हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।"
डोभाल की रूस यात्रा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यूक्रेन की हाई-प्रोफाइल यात्रा के ढाई सप्ताह बाद हुई है। ज़ेलेंस्की के साथ अपनी बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए साथ बैठकर चल रहे युद्ध को समाप्त करना चाहिए और भारत इस क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत युद्ध की शुरुआत से ही शांति के पक्ष में रहा है और वह इस संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यक्तिगत रूप से भी योगदान देना चाहेंगे। पीएम मोदी यूक्रेन में करीब नौ घंटे रहे। 1991 में स्वतंत्रता के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा थी।
पिछले कुछ दिनों में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को आगे बढ़ाने में भारत की संभावित भूमिका की मांग की गई है। भारत के दोनों देशों के साथ अच्छे संबंझ हैं। बीते शनिवार को इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने ज़ेलेंस्की के साथ अपनी वार्ता के बाद कहा कि भारत और चीन खींचतान वाले संघर्ष का समाधान खोजने में भूमिका निभा सकते हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी हाल ही में भारत, ब्राजील और चीन को संभावित मध्यस्थों के रूप में नॉमिनेट किया। उन्होंने कहा, "चीन, ब्राजील और भारत ऐसे देश हैं जिनके संपर्क में मैं लगातार बना हुआ हूं और मुझे कोई संदेह नहीं है कि इन देशों के नेता वास्तव में रुचि लेंगे और इस दिशा में मदद करेंगे।" पुतिन ने यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया था कि रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ के रूप में कौन देश कार्य कर सकते हैं।
आपको बता दें कि युद्ध की शुरुआत से ही भारत यह कहता रहा है कि यूक्रेन में संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।