Hindi Newsदेश न्यूज़BJP strategy for Maharashtra and Jharkhand to caste subdue caste dominance like Haryana

हरियाणा में गैर-जाट वोट एकजुट कर बनी बात, महाराष्ट्र, झारखंड में भी रणनीति दोहराएगी BJP

  • हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP की जीत से उनका मनोबल बढ़ गया है। इस सफलता के बाद अब बीजेपी झारखंड और महाराष्ट्र में भी हरियाणा की रणनीति दोहराने पर विचार कर रही है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानThu, 10 Oct 2024 01:16 PM
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हाल में ही घोषित हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजों से बीजेपी का मनोबल बढ़ा हुआ है। सबसे बड़े जाति समूह जाट के बीजेपी के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर एकजुट होने के बाद बीजेपी को यह जीत मिलना उनके लिए महत्वपूर्ण है। अब झारखंड और महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी इसी रणनीति को अपनाने की तैयारी में है। इन दो राज्यों में दो प्रभुत्वशाली समूह, आदिवासी और मराठा, बीजेपी के विरोधियों के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भी यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। 2014 के बाद बीजेपी ने कई विधानसभा चुनावों में गैर-प्रभावशाली जातियों के साथ-साथ अति पिछड़े जातियों को भी एकजुट करने की कोशिश की है। यह ऐसे लोग हैं जो कारीगर समुदाय से हैं हैं और जिनके पास ज़मीन नहीं है।

हरियाणा में कुम्हार, खाती और नाई जैसी गैर-प्रमुख जातियों ने भाजपा का समर्थन किया और राज्य में पार्टी के लिए नए निर्णायक साबित हुईं। झारखंड और महाराष्ट्र में बीजेपी ने अतीत में राजनीतिक रूप से गैर-प्रमुख जातियों को एकजुट करने की कोशिश की है जो व्यक्तिगत रूप से बड़ी संख्या में नहीं हैं। हरियाणा में बीजेपी की यह जीत झारखंड और महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उसकी रणनीति को मजबूत करेगी ताकि छोटी-छोटी राजनीतिक रूप से कम प्रभावशाली जातियों को अपने पक्ष में ला सके और उच्च जातियों के बीच अपने समर्थन आधार के साथ इन पिछड़े लोगों की सोशल इंजीनियरिंग करके चुनाव मैदान में प्रवेश कर सके।

हरियाणा की जीत के साथ ही बीजेपी अब सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे के मामले में भी आगे हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना हाल के लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन के आधार पर सीट बंटवारे पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है जहां बीजेपी ने नौ सीटें जीती थीं और शिवसेना ने सात सीटें जीती थीं। मौजूदा परिदृश्य में बीजेपी सीट बंटवारे का फैसला करेगी जबकि अन्य को इसे स्वीकार करना होगा।

राज्य भाजपा के सूत्रों ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि पार्टी एनडीए सहयोगियों के साथ समान व्यवहार करते हुए बहुत ही उदार होगी लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी सभी क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी क्योंकि इसमें सहयोगियों के लिए भी वोट आकर्षित करने की क्षमता है। झारखंड में आजसू नेता सुदेश महतो ने दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ दो बैठकें की हैं। महतो 13 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि बीजेपी उन्हें आठ सीटें दे रही थी जिस पर आजसू ने 2014 में बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। 2019 में आजसू ने अकेले 53 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल दो सीटें जीत सकी। हरियाणा में जीत के साथ भाजपा अब आजसू को सिंगल डिजिट नंबर पर समझौता करने के लिए दबाव बनाएगी। आजसू के अलावा बीजेपी द्वारा जदयू को दो सीटें दिए जाने की संभावना है। लोजपा (रामविलास) को एक सीट देने पर अभी चर्चा नहीं हुई है।

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