Hindi Newsदेश न्यूज़bjp samvidhan gaurav abhiyan amid ambedkar revervation and constitution debate

संविधान, आरक्षण और आंबेडकर वाले विपक्ष के नैरेटिव की भाजपा ने खोजी काट, 14 दिन चलेगा अभियान

  • विपक्ष ने आंबेडकर, आरक्षण और संविधान के मुद्दे को उठाकर दलितों और पिछड़ों के बीच फिर से नैरेटिव बनाना शुरू किया है। वहीं इसकी काट के लिए भाजपा भी सक्रिय हो गई है। भाजपा ने देश भर में 'संविधान गौरव अभियान' चलाने का फैसला लिया है। उसने देश भर में गोष्ठियां कराने का निर्णय लिया है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 3 Jan 2025 03:12 PM
share Share
Follow Us on

लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने भाजपा के सत्ता में आने पर आरक्षण खत्म करने और संविधान बदले जाने का दावा किया था। भाजपा को जब नतीजों में 240 लोकसभा सीटें ही मिलीं तो इस प्रचार को ही वजह माना गया था। अब इसमें आंबेडकर का भी नाम जुड़ गया है। संसद में अमित शाह के भाषण के एक हिस्से को भीमराव आंबेडकर का अपमान बताते हुए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल आंदोलन कर रहे हैं। इस तरह विपक्ष ने आंबेडकर, आरक्षण और संविधान के मुद्दे को उठाकर दलितों और पिछड़ों के बीच फिर से नैरेटिव बनाना शुरू किया है। वहीं इसकी काट के लिए भाजपा भी सक्रिय हो गई है। भाजपा ने देश भर में 'संविधान गौरव अभियान' चलाने का फैसला लिया है।

यह अभियान 11 से 25 जनवरी के दौरान देश भर में चलेगा। इसके तहत गोष्ठियां की जाएंगी और अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग की बहुलता वाली बस्तियों तक नेता जाएंगे। इन बस्तियों में संविधान को लेकर कार्यक्रम किए जाएंगे और बताया जाएगा कि कैसे भाजपा ने दलितों को अधिकार दिए हैं। खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर में 50 से ज्यादा गोष्ठियों के आयोजन किए जाने की तैयारी है। इन कार्य़क्रमों का आयोजन भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा की ओर से किया जाएगा। इन आयोजनों में भाजपा के केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय प्रवक्ता समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। दिल्ली में विधानसभा चुनाव का आयोजन अगले महीने होने वाला है। ऐसे में इन गोष्ठियों के जरिए भाजपा दलित समुदाय को साधना चाहती है, जिनके बीच आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पहले ही आंबेडकर, आरक्षण और संविधान वाले नैरेटिव के साथ सक्रिय हो गई हैं।

दिल्ली-एनसीआर के अलावा देश के सभी जिलों में भाजपा का अनुसूचित जाति मोर्चा आयोजन करेगा। इन कार्य़क्रमों में भाजपा की ओऱ से बताया जाएगा कि कैसे 2014 के बाद से संविधान को मजबूत किया गया है, जबकि कांग्रेस के दौर में देश की व्यवस्था कैसी थी। उन्हें कांग्रेस के राज में आरक्षण न मिलने और आपातकाल जैसी घटनाओं की याद दिलाई जाएगी। बता दें कि अमित शाह के बयान को लेकर कांग्रेस और अन्य कई विपक्षी दलों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किए हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि इन आयोजनों के लिए महासचिव विनोद तावड़े की लीडरशिप में एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कार्य़क्रम के तहत 25 जनवरी को सभी मंडलों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

अगला लेखऐप पर पढ़ें