वन नेशन, वन इलेक्शन बिल के समय 'गायब' रहे भाजपा के 20 से ज्यादा सांसद, नोटिस भेजने की तैयारी
- हालांकि, सांसदों की अनुपस्थिति बिल के पारित होने में रुकावट नहीं बनी, लेकिन इसने विपक्षी कांग्रेस को यह दावा करने का मौका दिया कि यह सरकार के पास इस मुद्दे पर पर्याप्त समर्थन नहीं होने का प्रमाण है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन सांसदों को नोटिस भेजेगी जो आज सरकार के महत्वाकांक्षी "वन नेशन, वन इलेक्शन" वाले बिल को पेश किए जाने के दौरान लोकसभा में मौजूद नहीं थे। भले ही इन सांसदों की अनुपस्थिति बिल के पारित होने में रुकावट नहीं बनी, लेकिन इसने विपक्षी कांग्रेस को यह दावा करने का मौका दे दिया कि सरकार के पास इस मुद्दे पर पर्याप्त समर्थन नहीं है। भाजपा सांसदों की अनुपस्थिति के पीछे के कारणों का अभी पता नहीं चला है। रिपोर्टों के मुताबिक, भाजपा ने अपने जिन सांसदों को नोटिस भेजा है उनमें केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। इनमें प्रमुख नाम- जगदंबिका पाल, शांतुनु ठाकुर, बीएस राघवेंद्र, गिरीराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विजय बघेल, भागीरथ चौधरी, उदयराजे भोंसले, जयंत कुमार रॉय और जगन्नाथ सरकार का भी है।
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि आज मतदान के दौरान भाजपा के 20 से अधिक सांसद अनुपस्थित थे। बीजेपी ने पहले ही अपने लोकसभा सांसदों को तीन लाइन की व्हिप जारी की थी, जिसमें उन्हें सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था। बीजेपी अब उन सांसदों को नोटिस भेजने की योजना बना रही है, जो लोकसभा में आज के वोटिंग के दौरान अनुपस्थित थे। इस बीच, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि यदि बिल के पक्ष में पर्याप्त समर्थन होता, तो ऐसा नहीं होता।
सरकार ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच मंगलवार को निचले सदन में पेश किया और कहा कि इस पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाएगा। सदन में मत विभाजन के बाद ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ को पेश कर दिया गया। विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 269 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े।
इससे पहले कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को निचले सदन में पेश करने के लिए प्रस्ताव रखा, जिनका विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया। सदन में मत विभाजन के बाद मेघवाल ने ध्वनिमत से मिली सदन की सहमति के बाद ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को भी पेश किया।
दोनों विधेयकों को पेश किए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपराह्न करीब एक बजकर 55 मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी। यह पहली बार था कि नए सदन में किसी विधेयक पर इलेक्ट्रॉनिक मत विभाजन हुआ। विधेयक पर विपक्षी दलों के विरोध के बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब मंत्रिमंडल में चर्चा के लिए विधेयक आया था, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं मंशा जताई थी कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के विचार के लिए भेजा जाना चाहिए।