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चुनाव या फिर लोकसभा का चुकाया उधार, बजट में बिहार को बड़ी सौगात के पीछे क्या वजह

  • बिहार के लिए इस बार मोदी सरकार ने ऐलान किए हैं। नए एयरपोर्ट्स से लेकर, कोसी नहर योजना, भारतीय भाषा पुस्तक योजना, किसानों के लिए मखाना बोर्ड का निर्माण, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलोजी का निर्माण समेत कई अन्य घोषणाएं शामिल हैं।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 1 Feb 2025 07:00 PM
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चुनाव या फिर लोकसभा का चुकाया उधार, बजट में बिहार को बड़ी सौगात के पीछे क्या वजह

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश कर दिया। इसमें बिहार के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। राज्य में इसी साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जबकि केंद्र में भी मोदी सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के बल पर ही चल रही है। ऐसे में एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि केंद्र सरकार ने बिहार को तमाम सौगातें देकर लोकसभा चुनाव के बाद मिले जेडीयू के समर्थन का उधार चुकाया है। पिछले साल जुलाई में पेश हुए पहले बजट में भी बिहार को कई सौगातें मिली थीं। बिहार के लिए इस बार मोदी सरकार ने कई बड़े ऐलान किए हैं। नए एयरपोर्ट्स से लेकर, कोसी नहर योजना, भारतीय भाषा पुस्तक योजना, किसानों के लिए मखाना बोर्ड का निर्माण, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलोजी का निर्माण समेत कई अन्य घोषणाएं शामिल हैं।

बजट में बिहार के लिए क्या-क्या

लोकसभा में इस वित्त वर्ष का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि केंद्र, भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण के अलावा बिहार में एक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान भी स्थापित करेगा। राज्य में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘’बिहार के लोगों के लिए एक विशेष अवसर है। प्रदेश में मखाने के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन में सुधार के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इन गतिविधियों में लगे लोगों को एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) में संगठित किया जाएगा, जो मखाना किसानों को समर्थन और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करेगा।'' उन्होंने कहा कि ये एफपीओ यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम करेंगे कि उन्हें सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।

पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए भी सपोर्ट का ऐलान

सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा, पूर्वोदय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, सरकार बिहार में एक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा दी जाएगी ताकि राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह पटना हवाई अड्डे की क्षमता के विस्तार और बिहटा में एक ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे के अतिरिक्त होगा। वित्त मंत्री ने बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए समर्थन की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, ''पश्चिमी कोसी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बड़ी संख्या में खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा।'' इसके अलावा, उन्होंने आईआईटी पटना में छात्रावास और एक अन्य बुनियादी ढांचा क्षमता के विस्तार की भी घोषणा की।

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बिहार के लिए इतनी सौगातों के पीछे क्या है वजह?

पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी नीत एनडीए ने 400 प्लस सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन चुनावी नतीजों के समय भाजपा अकेले दम पर बहुमत का आंकड़ा तक नहीं पार कर सकी। बीजेपी को 240 सीटें मिलीं, जिसके बाद जेडीयू और टीडीपी की मदद से केंद्र में सरकार बना सकी। ऐसे में यह तय माना जा रहा था कि केंद्र सरकार बिहार को लेकर बजट में कई बड़े ऐलान कर सकती है। पिछले साल ठीक आम चुनाव के बाद पेश हुए बजट में भी बिहार के लिए कई बड़े उपायों की घोषणा की गई थी, जिनमें विभिन्न परियोजनाओं के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के कुल परिव्यय का प्रस्ताव था। इनमें तीन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं, एक बिजली संयंत्र, विरासत गलियारों और नए हवाई अड्डों और बुनियादी खेल ढांचे के लिए धन शामिल था। वहीं, इस साल के आखिरी में बिहार विधानसभा चुनाव भी होने हैं। अभी राज्य में जेडीयू, बीजेपी आदि वाली एनडीए की सरकार है। भले ही बीजेपी बिहार में जेडीयू को आगे रखती हो, लेकिन इस बार भी वह पिछली बार की तरह ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश कर रही है। इस विधानसभा चुनाव का भी असर बजट पर देखने को मिला है और केंद्र सरकार ने बिहार को कई सौगातें दी हैं।

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