भारत के साथ काम करने के लिए तैयार; डोभाल की बैठक से पहले चीन के बदले तेवर
- चीन ने मंगलवार को कहा कि वह 24 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर रूस के कजान में हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के दौरान बनी आम सहमति के आधार पर प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए तैयार है।
चीन ने मंगलवार को भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और साथ काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। इससे ठीक एक दिन बाद यानी कि बुधवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच महत्वपूर्ण वार्ता होने वाली है। यह वार्ता बीजिंग में होने वाली 23वीं विशेष प्रतिनिधियों (SR) बैठक के दौरान होगी। आपको बताते चलें कि दिसंबर 2019 के बाद पहली बार यह बैठक हो रही है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बयान में कहा कि चीन भारत के नेताओं के बीच हुए महत्वपूर्ण समझौतों को लागू करने के लिए तैयार है। उन्होंने एक-दूसरे के हितों और चिंताओं का सम्मान करने, संवाद के माध्यम से आपसी विश्वास को मजबूत करने और ईमानदारी और अच्छे विश्वास के साथ मतभेदों का समाधान करने पर जोर दिया।
लिन जियान ने कहा, "हम भारत के साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द स्थिर और स्वस्थ विकास की दिशा में लाने के लिए काम करने के लिए तैयार हैं।" इस संवाद का उद्देश्य दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को हल करना है।
डोभाल-वांग वार्ता का एजेंडा
डोभाल अपने चीनी समकक्ष और विदेश मंत्री वांग यी के साथ विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की 23वें दौर की वार्ता करेंगे। इस दौरान पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर दोनों देशों के बीच 21 अक्टूबर को हुए समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इस वार्ता का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से अधिक समय तक प्रभावित रहे द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करना है।
चीन ने इस महत्वपूर्ण वार्ता से पहले मंगलवार को कहा कि वह 24 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर रूस के कजान में हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के दौरान बनी आम सहमति के आधार पर प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए तैयार है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक संवाददाता सम्मेलन में विशेष प्रतिनिधि वार्ता के बारे में पूछे जाने पर कहा कि चीन दोनों नेताओं (मोदी और जिनपिंग) के बीच बनी अहम आम सहमति को साकार करने, वार्ता और संचार के माध्यम से आपसी विश्वास एवं भरोसा बढ़ाने, अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ एवं सतत तरीके से आगे बढ़ाने के मकसद से भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा था, ‘‘23 अक्टूबर को कजान में दोनों नेताओं की बैठक के दौरान बनी सहमति के अनुसार दोनों विशेष प्रतिनिधि सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन पर चर्चा करेंगे और सीमा से जुड़े मुद्दे का निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तलाशेंगे।’’